Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जानिए कौन हैं जस्टिस सरां, जिनके आदेशों से डेरा मामले में जागी सरकार

    By Ankit KumarEdited By:
    Updated: Mon, 28 Aug 2017 01:29 PM (IST)

    जनहित याचिका पर सुनवाई के चलते डेरा मामले में चीफ जस्टिस एसएस सरां की हरियाणा और पंजाब की मौजूदा गतिविधियों पर पैनी नजर है। ...और पढ़ें

    Hero Image
    जानिए कौन हैं जस्टिस सरां, जिनके आदेशों से डेरा मामले में जागी सरकार

    जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस एसएस सरां ने शायद ही कोर्ट में अपने पिछले कुछ दिनों के इतने घटनात्मक होने की उम्मीद की हो। सरां ने डेरा प्रकरण में कानून व्यवस्था बहाली में नाकामी के चलते केंद्र और हरियाणा सरकार को जमकर निशाने पर लिया। डेरा प्रमुख की पेशी से एक दिन पहले ही हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को जमकर फटकार लगाई, जो अबतक जारी है। सरां 15 सालों के बाद हाईकोर्ट के जज के तौर पर 3 सितंबर को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जस्टिस सरां का जन्म 4 सितंबर 1955 में हुआ। वे 2 जुलाई 2002 को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के स्थायी जज बने। उन्होंने संगरूर में अपनी कानून की प्रैक्टिस 1980 में शुरू की। जस्टिस सरां पंजाब के एडवोकेट जनरल, डिप्टी एडवोकेट जनरल और अतिरिक्त एडवोकेट जनरल रह चुके हैं। 

    यह भी पढ़ें: राम रहीम के उत्तराधिकारी की खोज, हनीप्रीत और विपसना की दावेदारी मजबूत

    फिलहाल एक जनहित याचिका पर सुनवाई के चलते एक्टिंग चीफ जस्टिस सरां, जस्टिस सूर्यकान्त और जस्टिस अवनीश की हरियाणा और पंजाब की मौजूदा गतिविधियों पर पैनी नजर है। हालांकि जस्टिस सरां द्वारा व्यक्त की गई तीखी टिप्पणियों और सख्ताई का यह पहला मामला नहीं है। जस्टिस सरां हरियाणा में जाट आंदोलन मामले पर भी सुनवाई कर चुके हैं।

    दरअसल, जस्टिस एसएस सारों पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के जजों की वरिष्ठता सूची में दूसरे स्थान पर वरिष्ठतम जज हैं। पिछले काफी समय से उनके चीफ जस्टिस बनकर शिमला हाईकोर्ट जाने की अटकलें लगाई जा रही थी, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। इसके चलते वे हाईकोर्ट के जज के रूप में ही 3 सितंबर को रिटायर होने वाले थे, लेकिन पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के दूसरे वरिष्ठत जज जस्टिस एसएस सारों अपनी रिटायरमेंट से ठीक पहले चीफ जस्टिस बने। हाईकोर्ट के वर्तमान चीफ जस्टिस के छुट्टी पर जाने के चलते उन्हें चीफ जस्टिस नियुक्त करने के आदेश जारी किए गए।

    यह भी पढ़ें: पंजाब में 10 डेरा प्रेमी गिरफ्तार, 61 पर केस, बरनाला में फ्लैग मार्च

    हाईकोर्ट में मुख्य न्यायधीश जस्टिस एसजे वजीफदार के छुट्टी पर जाने के बाद उन्हें यह जिम्मेदारी मिली। केंद्र की ओर से जारी आदेशों के अनुसार जस्टिस एसएस सारों को मुख्य न्यायाधीश कार्यालय संभालने की जिम्मेदारी दी गई है। अक्सर इस प्रकार के आदेशों में चीफ जस्टिस की गैरमौजूदगी में एक्टिंग चीफ जस्टिस आदेशों में लिखा जाता है। इन आदेशों में एक्टिंग चीफ जस्टिस शब्द का इस्तेमाल भी नहीं किया गया। 21 अगस्त से 29 अगस्त तक जस्टिस एसएस सारों हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में कार्य कर रहे हैं।

    इससे पहले स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जब झंडा फहराने का मौका आया, तो चीफ जस्टिस एसजे वजीफदार ने जस्टिस सारों को सम्मान देने के लिए उन्हें झंडा फहराने की जिम्मेदारी सौंप दी, जबकि वे स्वयं वहां मौजूद थे।

    यह भी पढ़ें: डेरा प्रकरणः कैप्टन अमरिंदर ने साधे एक तीर से तीन निशाने