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एनएसजी सदस्‍यता के लिए भारत का लगातार समर्थन करता रहेगा अमेरिका

अमेरिका ने साफ कर दिया है कि वह भारत की एनएसजी में सदस्‍यता के लिए लगातार समर्थन करता रहेगा। इसके लिए वह लगातार प्रयास करता रहेगा।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sat, 10 Sep 2016 07:54 AM (IST)Updated: Sat, 10 Sep 2016 09:53 AM (IST)

वाशिंगटन (एएनआई)। अमेरिका ने कहा है कि वह भारत को एनएसजी (न्यूक्लियर सप्लाई ग्रुप) का सदस्य बनवाने के लिए लगातार प्रयास करता रहेगा। साथ ही अमेरिका ने कहा कि वह इसके लिए भारत का लगातार समर्थन भी करता रहेगा।

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एनएसजी पर अमेरिका का भारत को खुला समर्थन

विदेश मंत्रालय की तरफ से एक बयान जारी कर यह बात कही गई है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि अमेरिका ने पहलेे भी इसके लिए काफी प्रयास किए थे और भारत को इसका सदस्य बनाने की खुलेतौर पर हिमायत की थी, लेकिन उस वक्त एनएसजी सदस्य किसी नए सदस्य को इस ग्रुप में शामिल करने के मुद्दे पर किसी निर्णय पर नहीं पहुंच सके थे। अमेरिका आज भी यह मानता है कि भारत न्यूक्लियर सप्लाई ग्रुप का सदस्य बनने की पूरी योग्यता रखता है।

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चीन से लगा करारा झटका

गौरतलब है कि कुछ माह पहले ही भारत की तरफ से जोर-शोर से शुरू की इस मुहिम को उस वक्त करारा झटका लगा था जब चीन ने भारत की सदस्यता का खुलेतौर पर विरोध किया था। उसका कहना था कि भारत ने परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, लिहाजा भारत को इसका सदस्य नहीं बनाया जा सकता है। चीन का यह भी कहना था कि किसी एक देश के लिए नियमों को ताक पर नहीं रखा जा सकता हैै।

यदि ऐसा किया जाता है तो पाकिस्तान को भी इसका सदस्य बनाया जाना चाहिए, क्योंकि भारत और पाकिस्तान दोनों ही परमाणु हथियार संपन्न देश हैं। चीन समेत कुछ और देशों के विरोध के चलते उस वक्त भारत को इसका सदस्य नहीं बनाया जा सका था।

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एनएसजी में शामिल हैं ये देश

अर्जेंटिना, आस्ट्रेलिया, आस्ट्रिया, बेलारूस, बेल्जियम, ब्राजील, बुलगारिया, कनाडा, चीन, क्रोएशिया, साइप्रस, चेक रिपब्लिक, डेनमार्क, इस्तोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आइसलैंड, आयरलैंड, इटली, जापान, कजाकिस्तान, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, लातविया, लिथुवानिया, लक्जमबर्ग, माल्टा, मेक्सिको, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नोर्वे, पोलेंड, पुर्तगाल, रोमानिया, रूस, सर्बिया, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्वीडन, स्विटजरलैंड, तुर्की, यूर्केन, ब्रिटेन, अमेरिका।

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