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कभी भारत की वजह से ही बना था NSG, अब नहीं दे रहे सदस्‍यता!

आज जिस एनएसजी में शामिल होने के लिए भारत को मशक्‍कत करनी पड़ी रही है, कभी यह भारत की वजह से ही अस्तित्‍व में आया था और इसके पीछे थीं इंदिरा गांधी। जानें कैसे

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 21 Jun 2016 02:57 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jun 2016 01:17 AM (IST)
कभी भारत की वजह से ही बना था NSG, अब नहीं दे रहे सदस्‍यता!

नई दिल्ली (कमल कान्त वर्मा)। जिस एनएसजी (न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप) में शामिल होने के लिए इतनी मशक्कत कर रहा है क्या आपको पता है कि वह भारत की वजह से ही कभी अस्तित्व में आया था। यह सुनकर आपको जरूर आश्चर्य होगा लेकिन यह सच है। दरअसल न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप के अस्तित्व में आने के पीछे थी भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी। इंदिरा गांधी के सत्ता में रहते हुए ही भारत ने पहली बार वर्ष 1974 में परमाणु परीक्षण किया था। इस पूरे मिशन का कोडवर्ड था 'बुद्धा स्माइल'।

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यह परीक्षण दुनिया के कई मुल्कों को नागवार गुजरा कि उन्होंने इसके खिलाफ एक ग्रुप बना लिया, इसका ही नाम न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप दिया गया। भारत के परमाणु परीक्षण के बाद नवंबर 1975 में पहली बार कुछ देशों की बैठक हुई। इस बैठक में भारत के परमाणु परीक्षण की आलोचना की गई और ऐसा दोबारा न करने की चेतावनी भी गई। इसके अलावा अन्य देश इस दिशा में कोई कदम न बढ़ाए इसके लिए भी इस बैठक में चर्चा की गई। इस दौरान 1975 से लेकर 1978 बैठकों का लंबा दौर चला।

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इन तमाम बैठकों के बाद कुछ एग्रीमेंट और कुछ गाइडलाइंस सामने आई। कुछ चीजों की ऐसी सूची भी बनाई गई जिसको एक्सपोर्ट किया जा सकता है, लेकिन यह केवल उन्हीं देशों को बेची जा सकती थीं जो इस श्रेणी या एनएसीजी में शामिल नहीं थे। एनएसजी से पहले इसका नाम लंदन सप्लाई ग्रुप था। इसके अलावा इसको लंदन ग्रुप के नाम से भी जाना जाता था। वर्ष 1978 के बाद 1991 तक इस ग्रुप की दोबारा कोई बैठक ही नहीं हुई।

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ताज्जुब की बात यह है कि जिस भारत की वजह से यह अस्तित्व में आया आज वही इसका हिस्सा नहींं है। आपको यह सुनकर भी आश्चर्य होगा कि इसमें ज्यादातर देश यूरोप के हैं। कुछ तो इतने छोटे देश इस ग्रुप का हिस्सा हैंं जिसको सुनकर आपको शायद विश्वास भी न हो।

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एनएसजी में शामिल हैं ये देश

अर्जेंटिना, आस्ट्रेलिया, आस्ट्रिया, बेलारूस, बेल्जियम, ब्राजील, बुलगारिया, कनाडा, चीन, क्रोएशिया, साइप्रस, चेक रिपब्लिक, डेनमार्क, इस्तोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, आइसलैंड, आयरलैंड, इटली, जापान, कजाकिस्तान, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, लातविया, लिथुवानिया, लक्जमबर्ग, माल्टा, मेक्सिको, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नोर्वे, पोलेंड, पुर्तगाल, रोमानिया, रूस, सर्बिया, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, स्वीडन, स्विटजरलैंड, तुर्की, यूर्केन, ब्रिटेन, अमेरिका।

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