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PM ने एर्दोगन संग एनएसजी व ओलांद संग स्कोर्पीन लीक पर की चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 की शिखर बैठक के साथ तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तय्यप एर्दोगन के साथ भारत के एनएसजी सदस्यता का मुद्दा उठाया।

By Monika minalEdited By: Published: Mon, 05 Sep 2016 04:42 PM (IST)Updated: Mon, 05 Sep 2016 04:51 PM (IST)

बीजिंग। जी-20 समिट के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तय्यप एर्दोगन के साथ एनएसजी में भारत की सदस्यता और फ्रांस के राष्ट्रपति, फ्रास्वां ओलांद के साथ भारतीय सबमरीन स्कोर्पीन लीक पर चर्चा की। यह चर्चा समिट के दूसरे और अंतिम दिन चीन के पूर्वी शहर में हुई जब मोदी एर्दोगन व ओलांद से मिले।

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इससे पूर्व वह ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री थेरेसा मे से मिले और यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के अलग होने के फैसले के बाद के परिदृश्य में‘अवसरों के निर्माण’ को लेकर उनसे चर्चा की। एर्दोगन के साथ अपनी मुलाकात में प्रधानमंत्री ने 48 सदस्यीय परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता के मुद्दे पर चर्चा की। इससे पूर्व वह ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री थेरेसा मे से मिले और यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के अलग होने के फैसले के बाद के परिदृश्य में ‘अवसरों के निर्माण’ को लेकर उनसे चर्चा की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने यह जानकारी दी।

एर्दोगन के साथ एनएसजी पर चर्चा महत्वपूर्ण थी क्योंकि तुर्की उन देशों में शामिल था जिसने चीन के साथ मिलकर सोल में एनएसजी में भारत के शामिल होने पर विरोध जताया था। चीन ने यह कहते हुए आपत्ति जताई थी कि भारत परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) का हस्ताक्षरकर्ता नहीं है। तुर्की ने भी असंतुष्ट मुस्लिम नेता फतुल्लाह गुलेन के समर्थकों की भारत में मौजूदगी पर आपत्ति जताई थी जिस पर तुर्की ने जुलाई के विफल सत्ता पलट की साजिश रचने का आरोप लगाया था। स्वरूप ने बताया कि तुर्की के साथ नागर विमानन संबंधों को बढ़ाने पर भी मुलाकात के दौरान चर्चा की गई।

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, ओलांद के साथ अपनी द्विपक्षीय वार्ता में मोदी ने स्कोर्पिन श्रेणी की सबमरीन से जुड़े सीक्रेट आंकड़ों के लीक होने का मामला उठाया। फ्रांसीसी कंपनी डीसीएनएस के सहयोग से मुंबई में भारतीय नौसेना के लिए बनायी जा रही छह अत्याधुनिक सबमरीन की क्षमता के संबंध में 22 हजार से अधिक पन्नों के गोपनीय आंकड़े लीक हुए थे।

मोदी ने थेरेसा को बताया कि यूरोपीय संघ से बाहर होने के बाद भी ‘ब्रिटेन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण है।’ विकास स्वरूप ने बताया कि मोदी ने ब्रिटिश कंपनियों को भारत में आमंत्रित किया। उन्होंने आतंकवाद की चुनौतियों के बारे में भी चर्चा की। मोदी और मे ने भारत और ब्रिटेन के बीच आतंकवाद विरोधी सहयोग को बढ़ाने पर भी चर्चा की।

द्विपक्षीय बैठक में मोदी ने अर्जेंटीना के राष्ट्रपति मॉरिसियो मैकरी से भी मुलाकात की। मोदी के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत भी हैं। फ्रांसीसी राष्ट्रपति के साथ बैठक में प्रधानमंत्री के साथ डोवल व विदेश सचिव एस जयशंकर भी उपस्थित थे। कल मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मिले और उन्होंने चीन के राष्ट्रपति जी जिनपिंग से भी द्विपक्षीय वार्ता की। इसके अलावा ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मैल्कोम टर्नबुल व सऊदी के मोहम्मद बिन सलमान से भी अलग अलग मुलाकात की।

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