यूएन में भारत के सख्त बोल- आतंक को पनाह देने वालेे देशों की तय हो जवाबदेही
भारत ने संयुक्त राष्ट्र से मांग की है कि आतंकियों को समर्थन देने और अपने यहां पर उन्हें पनपने देनेे का मौका देने वाले देशों को इसके प्रति जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र (पीटीआई)। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में उनके देशों की जवाबदेही तय करनेे की बात कही है जो देश आतंकवाद को अपने यहां पर पनपने का न सिर्फ मौका देते हैं बल्कि इसके लिए उन्हें मदद भी पहुंचाते हैं। भारत का कहना है कि आतंकियों को सुरक्षित शरण देने वाले देशों को जिम्मेदार बनाया जाना चाहिए। भारत ने यूएन के आतंकवाद पर हुए अंतरराष्ट्रीय समझौते में इस प्रावधान को शामिल किए जाने की मांग की है।
संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद विरोधी रणनीति की समीक्षा बैठक के दौरान भारत के स्थाई प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि आतंकवाद सबसे बड़े खतरे के तौर पर हम सभी के लिए चिंता का विषय बन गया है। यह दुनिया भर में निर्दोष लोगों की जान ले रहा है। ऐसे में आतंकवाद को सही ठहराने के लिए कोई भी तर्क उचित नहीं माना जा सकता। आतंकी हमलों को मदद पहुंचाने वाले संगठन और आतंकियों का समर्थन व उन्हें शरण देने वाले देशों को अब जवाबदेह बनाने का समय आ गया है। इस जरूरत को अब और नहीं टाला जा सकता है। कोई देश इस खतरे से बचा नहीं है और न कोई अकेला देश आतंकवाद के खतरे को खत्म नहीं कर सकता।
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193 देशों वाली संयुक्त राष्ट्र की आमसभा आतंकवाद पर हुए समझौते की पांचवीं बार समीक्षा कर रही है। आमसभा इस समझौते को और प्रभावी बनाने के लिए तेजी से कार्य कर रही है। अकबरुद्दीन ने कहा कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र के ज्यादातर संकल्पों को स्वीकार किया है। लेकिन आतंकवाद के खिलाफ इस आधी-अधूरी कार्ययोजना से उसे झटका लगा है। हमारा मानना है कि हमें दुनिया के किसी भी कोने में होने वाली आतंकी गतिविधि को अनदेखा नहीं करना चाहिए। आतंकवाद के पक्ष में कार्य करने वाले देशों की जब तक जवाबदेही तय नहीं होगी, तब तक आतंकवाद का खात्मा संभव नहीं होगा।
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