आतंकियों का अड्डा बने वजीरिस्तान के मदरसे
अफगानिस्तान से सटे पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान में स्थित मदरसे आतंकियों का अड्डा बन गए हैं। आतंकी वहां पर न केवल बम बनाने के कारखाने चला रहे हैं बल्कि वहां पर आत्मघाती हमलावर भी तैयार किए जा रहे हैं।
वाशिंगटन। अफगानिस्तान से सटे पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान में स्थित मदरसे आतंकियों का अड्डा बन गए हैं। आतंकी वहां पर न केवल बम बनाने के कारखाने चला रहे हैं बल्कि वहां पर आत्मघाती हमलावर भी तैयार किए जा रहे हैं। ये मदरसे पढ़ाई की जगह आतंकियों के प्रशिक्षण शिविर चला रहे हैं। यह कहना है पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज का। वह इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं।
अजीज ने कहा कि इन मदरसों में वे लोग शरण पाए हुए हैं जिन्हें अमेरिका ने अफगानिस्तान में तालिबान के सफाए की कार्रवाई में बेदखल किया था। ये लोग सीमा पार करके पाकिस्तान में आ गए हैं और अब वे आतंकी गतिविधियों में शामिल हैं।
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ये शरणार्थी मदरसों और वहां पर बनी मस्जिदों में रह रहे हैं। उन्होंने मस्जिदों के नीचे कई-कई मंजिला तलघर बना लिए हैं और वहीं से हमले की तैयारी करते हैं। रक्षा मामलों के लेखकों को अजीज ने बताया कि जब वह मीरानशाह की ऐसी एक मस्जिद में गए तो देखकर दंग रह गए कि उसके नीचे तीन मंजिलों में 70 कमरे तैयार किए गए थे। इन कमरों में चार-पांच आइईडी (एक्सप्लोसिव डिवाइस) बनाने की फैक्ट्री थीं।
करीब इतने ही आत्मघाती हमलावर तैयार करने के केंद्र वहां थे। वहां पर बातचीत के उपकरण लगे थे। वीआईपी रूम था और कांफ्रेंस हाल भी था। इस मस्जिद को सुरक्षा बलों ने अपनी कार्रवाई में आतंकियों से मुक्त कराया था। उत्तरी वजीरिस्तान प्रांत में पाकिस्तानी सेना ने 2014 से जर्ब-ए-अज्ब अभियान चलाया हुआ है। अजीज के अनुसार इलाके में इस तरह की 35-40 मस्जिद होने का अनुमान है।
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