पाकिस्तानी आतंकी समूह की बगदादी में निष्ठा
एक पाकिस्तानी आतंकी समूह, दक्षिण एशिया में अलकायदा से नाता तोड़ने और इस्लामी राष्ट्र (आइएस) के प्रति निष्ठा जताने वाला पहला जिहादी गुट बन गया है। आइएस ने इराक और सीरिया के कई इलाकों पर कब्जा जमा लिया है। टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, अल्पात गुट तहरीक-ए-खिलाफत ने अबु बकर अल-बगदादी के प्रति निष्ठा व्यक्त किया है।
लंदन। एक पाकिस्तानी आतंकी समूह, दक्षिण एशिया में अलकायदा से नाता तोड़ने और इस्लामी राष्ट्र (आइएस) के प्रति निष्ठा जताने वाला पहला जिहादी गुट बन गया है। आइएस ने इराक और सीरिया के कई इलाकों पर कब्जा जमा लिया है। टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, अल्पात गुट तहरीक-ए-खिलाफत ने अबु बकर अल-बगदादी के प्रति निष्ठा व्यक्त किया है।
कराची में हुए हमलों की जिम्मेदारी लेने वाले इस गुट ने इस्लामिक राष्ट्र के ध्वज को दक्षिण एशिया में ऊंचा उठाने का वादा किया है। हाल में ही इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आइएसआइएस) के सरगना बगदादी को खलीफा और आइएसआइएस का नया नाम आइएस (इस्लामी राष्ट्र) करने का ऐलान किया गया था। समूह ने कहा, 'अबु बकर अल-बगदादी पाकिस्तान के तहरीक-ए-खिलाफत और मुजाहिदीन लड़ाकों को अपने तीरों में से एक मानने पर विचार करें। हम दुआ करते हैं कि हमें उपमहाद्वीप और खुरासान क्षेत्र की तरफ इस्लामी राष्ट्र की सीमाओं को बढ़ाने का मौका मिले।' खुरासान का इस्तेमाल आतंकवादियों द्वारा अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत के हिस्सों को मिलाकर किया जाता है। यह गुट मिडिल ईस्ट के बाहर आइएस को मदद की पेशकश करने वाला पहला आतंकी समूह है। तहरीक-ए-खिलाफत को अलकायदा से जुड़े पाकिस्तान तालिबान का हिस्सा माना जाता है।
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