पाकिस्तानमें जबरन धर्म परिवर्तन को लेकर गुस्से में है हिंदू समुदाय
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय में जबरन धर्म परिवर्तन की बढ़ रही घटनाओं को लेकर खासा गुस्सा है। समुदाय के नेताओं का आरोप है कि महज छह साल के बच्चों पर भी जबरन धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाया जा रहा है। कराची प्रेस क्लब में 'पाकिस्तान में हिंदू-मुद्दे और समाधान' विषय पर आयोजित सेमिनार में राजकुमार न
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय में जबरन धर्म परिवर्तन की बढ़ रही घटनाओं को लेकर खासा गुस्सा है। समुदाय के नेताओं का आरोप है कि महज छह साल के बच्चों पर भी जबरन धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाया जा रहा है।
कराची प्रेस क्लब में 'पाकिस्तान में हिंदू-मुद्दे और समाधान' विषय पर आयोजित सेमिनार में राजकुमार ने सवाल पूछा कि क्या आप अपनी उन बेटियों को स्वीकार करेंगे जिनकी जबरदस्ती हिंदू पुरुष से शादी करा दी गई हो? वर्ष 2012 में राजकुमार की भतीजी रिंकल कुमारी का जबरन धर्म परिवर्तन कराकर उसका निकाह एक मुसलमान से कराए जाने का मामला सुर्खियों में छाया था। रिंकल के परिजन न्याय पाने पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट तक गए, लेकिन जबरिया निकाह का शिकार रिंकल ने भयवश यह मान लिया था कि उसने स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन किया है।
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छह साल की जमुना को मंच पर बुलाकर कुमार ने कहा कि उसे और उसकी 10 साल की बहन पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाया गया होता अगर मीडिया ने इसे मामले को उछाला न होता। डॉन अखबार ने कुमार के हवाले से कहा, 'जमुना और पूजा की उम्र के बच्चे इस्लाम और अपने धर्म के बारे में क्या जानते हैं कि कह सके कि वे धर्म परिवर्तन करना नहीं चाहते? यह अन्याय की परिकाष्ठा है।' सिंध प्रांत के मीरपुर खास निवासी जमुना के पिता सोमा और मां मारजू भी समारोह में मौजूद थे। सोमा ने कहा, 'हम गरीब लोग हैं। हमारी बेटियां घर-घर जाकर मिट्टी के बर्तन और खिलौना बेच कर पैसा कमाने में हमारी मदद करती हैं। चार फरवरी को भी आम दिनों की तरह खिलौने बेचने के लिए घर से निकलने के बाद वे वापस नहीं लौटी। मीडिया में उनके लापता होने की कई खबरें छपने के बाद पता चला कि वे एक मुसलमान रजब पठान के साथ रह रही हैं। पुलिस ने उन्हें अदालत में मुसलमान बच्चे के तौर पर पेश किया और हमें उसने मिलने से रोका गया। घर पर बाल शोषण के संदेह के चलते कोर्ट ने उन्हें महिलाओं के संरक्षण गृह भेज दिया। जमुना को हमें वापस दे दिया गया है, लेकिन पूजा दारुल अमन में ही है। लगता है जैसे उसे बरगलाया गया है। वह हमारे बारे में अजीबोगरीब बात करती है।
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'यह काफी दुखद है कि पाकिस्तानी अल्पसंख्यकों की समस्याएं घटने के बजाए बढ़ती ही जा रही हैं।'-कृष्ण चंद्र परवानी, ऑल हिंदू राइट्स आर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष
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