अब फ्रांस के नए राष्ट्रपति पर होगा देश को आतंकी हमलों से सुरक्षित रखने का भार
यह चुनावी नतीजा फ्रांस और यूरोपीय संघ को नया रूप तो देगा ही, यह यूरोपीय देशों के रिश्ते पर भी असर डालेगा, जिससे अलग हुआ ब्रिटेन अपनी नई राह गढ़ रहा है।
पेरिस, एजेंसी। बीते कुछ वर्षों से लगातार आतंकी हमले का सामना कर रहे फ्रांस में आज रविवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान हो रहा है। 23 अप्रैल को पहले चरण के वोट डाले गए। इसमें सबसे ज्यादा मत हासिल करने वाले शीर्ष दो उम्मीदवारों के बीच 7 मई को दूसरे चरण का मतदान होगा। यह चुनावी नतीजा फ्रांस और यूरोपीय संघ को नया रूप तो देगा ही, यह यूरोपीय देशों के रिश्ते पर भी असर डालेगा, जिससे अलग हुआ ब्रिटेन अपनी नई राह गढ़ रहा है।
फ्रांस्वा ओलांद के बाद अब नए राष्ट्रपति पर देश को आतंकी हमलों से सुरक्षित रखने का भी भार होगा। यहां 2015 से शुरू हुए आतंकी हमलों के सिलसिले में फ्रांस में अभी तक 230 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। पहले चरण में शीर्ष पांच उम्मीदवार हैं, लेकिन असल मुकाबला यूरोप समर्थक इमैन्यूएल मैक्रॉन और मैरीन ले पेन के बीच है जो ईयू विरोधी हैं। हालांकि उदार दक्षिणपंथी फ्रांस्वा फियो और धुर वामपंथी जां लुक मेलाशों भी कड़े उम्मीदवार हैं। हालांकि चुनावी सर्वेक्षणों के अनुसार पहले दौर में किसी को भी पूर्ण बहुमत मिलने की संभावना नजर नहीं आ रही है।
ऐसी है प्रक्रिया
पहला चरण 23 अप्रैल को सभी उम्मीदवार 'फेस ऑफ' में हिस्सा लेंगे। चुनाव में शामिल होने के लिए इन्हें फ्रांसीसी नागरिक होना और चुनाव अधिकारियों से 500 हस्ताक्षर लेना अनिवार्य है। यहां से शीर्ष दो उम्मीदवार आगे ब़़ढेंगे जिन्हें 50 फीसदी समर्थन मिला हो। हालांकि आज तक किसी को इतना समर्थन नहीं मिल सका है। दूसरे चरण में शीर्ष दो उम्मीदवारों के बीच 'फेस ऑफ' होगा। यह पहले चरण के 14 दिन बाद होता है। जीतने वाले को 64 फीसदी वोट हासिल करना जरूरी है। पहले चरण में आगे रहने वाले 1974, 1981 और 1995 में रन-ऑफ में हार का मुंह देख चुके हैं।
ये हैं चुनाव के पांच प्रमुख चेहरे
1. फ्रांस्वां फियो, द रिपब्लिकंस 62 वर्षीय फियो ने पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों की दौड़ में पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी को हरा दिया था, तभी से वह लोगों की पसंद बन गए थे। हालांकि वह पूरे चुनाव अभियान में विवादों में रहे जब यह आरोप लगा कि फियो की पत्नी और दोनों बच्चों ने गलत तरीके से सरकारी धन हासिल किया। जांच के बावजूद वह शीर्ष दो उम्मीदवारों से बहुत पीछे नहीं हैं।
2. मैरीन ले पेन, नेशनल फ्रंट जनवरी 2011 में मैरीन ने अपने पिता की जगह नेशनल फ्रंट का नेतृत्व संभाला था और उसके बाद हुए राष्ट्रपति चुनाव में वह तीसरे नंबर पर रहीं। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरह 'फ्रांस फर्स्ट' का समर्थन किया है। चुनाव प्रचार के दौरान लेबनान में उन्होंने ग्रैंड मुफ्ती से मुलाकात में सिर ढंकने से मना कर दिया था जिसके बाद उनकी यहां बैठक रद्द कर दी गई थी।
3. इमैनुएल मैक्रॉन, एन मार्श 39 वर्षीय मैक्रॉन के पास युवा राष्ट्रपति बनने का सबसे बड़ा मौका है। ओपिनियन पोल के अनुसार, अगर वह पहले चरण में जीत जाते हैं तो दूसरे चरण में मैरिन को हरा सकते हैं। वह कभी सांसद नहीं रहे और न ही किसी चुनाव में खड़े हुए। 2014 में वित्त मंत्री बनने से पहले वह राष्ट्रपति ओलांद के आर्थिक सलाहकार रहे हैं।
4. ज्यां लुक मेलाशों, ला फ्रांस इनसोमाइज 65 साल के धुर वामपंथी मेलाशों दौड़ में आगे रहने वाले चार उम्मीदवारों में से एक हैं। एक टीवी बहस के दौरान उन्होंने अपने बयानों से जनता का ध्यान खींचा। उन्होंने उत्पादन साधनों, व्यापार और आपूर्ति को बदलने की बात कही है।
5. बेनवा एमो, सोशलिस्ट पार्टी सोशलिस्ट पार्टी के अंदर वामपंथी विद्रोही के रूप में जाने जाने वाले पूर्व शिक्षा मंत्री एमो पार्टी से उम्मीदवार बनने में सफल रहे। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मैनुअल वॉल्स को हराया। 49 वर्षीय हैमन को मतभेदों से ग्रस्त सोशलिस्ट पार्टी में व्यापक समर्थन हासिल करने में भी संघर्ष करना पड़ा।
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