अफगानिस्तान के सैन्य ठिकाने पर सबसे बड़ा आतंकी हमला, 140 सैनिकों की मौत
उत्तरी अफगानिस्तान के शहर मजार ए शरीफ के नजदीक स्थित सैन्य ठिकाने पर तालिबान के हमले में 140 से ज्यादा अफगान सैनिक मारे गए हैं।
मजार-ए-शरीफ, रायटर आइएएनएस। अफगानिस्तान के उत्तरी शहर मजार-ए-शरीफ की सैन्य छावनी पर हुए तालिबान के हमले में 140 सैनिक मारे गए और दर्जनों घायल हुए हैं। हमला सेना की वर्दी में आए आतंकियों ने किया। उन्होंने मस्जिद में नमाज पढ़ रहे और पास ही खाना खा रहे सैनिकों पर ग्रेनेड लांचर और राइफलों से अंधाधुंध फायरिंग करके उन्हें मौत की नींद सुला दिया।
यह अफगानिस्तान के किसी सैन्य ठिकाने पर अभी तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना की निंदा की है। हमला शुक्रवार देर शाम हुआ। उस समय बड़ी संख्या में सैनिक मस्जिद में नमाज पढ़ रहे थे जबकि कुछ नजदीक स्थित मेस में खाना खा रहे थे। इसी दौरान सेना की वर्दी पहने तालिबान आतंकी सैन्य वाहन से वहां पहुंचे और उन्होंने बिना समय गंवाए सीधे फायरिंग शुरू कर दी। आमतौर पर नमाज और खाना खाने के वक्त हथियारों को दूर रखने वाले सैनिकों को मुकाबले का समय ही नहीं मिला।
वे निहत्थे ही मारे जाते रहे। पहरे पर तैनात सैनिक जब तक जवाबी फायरिंग करते, तब तक काफी नुकसान हो चुका था। जवाबी फायरिंग में दस तालिबान आतंकी मारे गए हैं। सरकार ने मरने वाले सैनिकों की संख्या सार्वजनिक नहीं की है। नाटो गठबंधन की तरफ से छावनी में प्रशिक्षण और सलाह के लिए अधिकारियों की तैनाती थी लेकिन उन्हें कोई नुकसान नहीं हुआ है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने बयान जारी करके इसे उत्तर अफगानिस्तान में हुई अपने नेताओं की हत्याओं का बदला बताया है।
नाटो ने हमले की निंदा की है और कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वह अफगान सहयोगियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। अफगानिस्तान की धरती से आतंकवाद खत्म करने के प्रयास पूरी ताकत से जारी रखे जाएंगे। तालिबान ने इससे पहले मार्च में सरदार मुहम्मद दाउद सैन्य अस्पताल में हमला करके 50 लोगों को मार डाला था।
यह भी पढ़ें: आईएस के ठिकानों पर महाबम गिराकर ट्रंप ने तालिबान को भी चेताया
यह भी पढ़ें: तालिबान और अफगानिस्तान के बीच शांति वार्ता में मध्यस्थता को रूस तैयार