आइएस समेत तालिबान, लश्कर पर भी भारत की नजर
भारत ने इस्लामिक स्टेट (आइएस), तालिबान और लश्कर जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ समग्र लड़ाई की वकालत की है। विश्व समुदाय से आतंकवादी समूहों और कट्टरपंथ के खिलाफ साझा मुहिम की अपील की है।
काइरो। भारत ने इस्लामिक स्टेट (आइएस), तालिबान और लश्कर जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ समग्र लड़ाई की वकालत की है। विश्व समुदाय से आतंकवादी समूहों और कट्टरपंथ के खिलाफ साझा मुहिम की अपील की है। मिस्र की राजधानी काइरो में सामरिक चिंतकों और नीति निर्माताओं के एक समूह को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंगलवार को कहा कि कट्टरपंथ और आतंकवाद दुनिया के सामने सामूहिक और समग्र चुनौती पेश कर रहा है।
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उन्होंने कहा कि खाड़ी क्षेत्र में आइएस और भारत के पड़ोस में तालिबान और लश्कर शांति और विकास के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं। भारत न केवल इसकी निंदा करता है, बल्कि इसे समाप्त करने की लड़ाई में मिस्र के साथ हाथ मिला रहा है। सुषमा ने कहा कि आज हम बढ़ती हिंसा और असहिष्णुता देख रहे हैं। अल कायदा और अब आपके क्षेत्र में आइएस के अलावा हमारे पड़ोस में तालिबान और लश्कर इस चलन को अभिव्यक्त करते हैं।उल्लेखनीय है कि सोमवार को भारत और मिस्र ने आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई पर सहमति जताई थी।
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अनुकूल माहौल की उम्मीद
सुषमा ने उम्मीद जताई कि मिस्र भारतीय निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अनुकूल व्यापारिक माहौल उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि मिस्र से निर्यात के मामले में भारत दूसरा सबसे बड़ा गंतव्य है। इसमें उल्लेखनीय इजाफे की संभावना है। भारत कपड़ा, परिधान, मशीनरी, वाहन कलपुर्जा, रसायन, उपभोक्ता सामान सहित मिस्त्र की पसंद केअन्य क्षेत्रों में सहयोग मजबूत करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि आइटी, फार्मा, स्वास्थ्य और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में भारत की मजबूत स्थिति का भी मिस्र फायदा उठा सकता है।
नाविकों की रिहाई का अनुरोध
सुषमा ने मिस्र में फरवरी 2014 से बंदी छह भारतीय नाविकों की जल्दी रिहाई का अनुरोध किया है। उन्होंने मिस्र के अपने समकक्ष सामेह हसन शुक्री से इस मामले में हस्तक्षेप कर नाविकों की रिहाई सुनिश्चित कराने की अपील की है।
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