पाकिस्तान से उच्चायुक्त बुलाने की चर्चा फिजूल
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े कूटनीतिक तनाव के चलते दोनों देश अपने उच्चायुक्त वापस बुला सकते हैं। साथ ही उच्चायोगों में नियुक्त अपने कर्मियों की संख्या भी कम कर सकते हैं।
इस्लामाबाद, प्रेट्र : भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े कूटनीतिक तनाव के चलते दोनों देश अपने उच्चायुक्त वापस बुला सकते हैं। साथ ही उच्चायोगों में नियुक्त अपने कर्मियों की संख्या भी कम कर सकते हैं। यह तनाव दोनों देशों के उच्चायोग कर्मियों पर लगे जासूसी और अशांति पैदा करने के आरोपों के चलते पैदा हुआ है।
यह बात पाकिस्तान के प्रमुख अंग्रेजी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट में कही है। लेकिन शाम को भारतीय अधिकारियों ने इसे बेमतलब की अटकलबाजी करार दे दिया। कहा, इस खबर का कोई आधार नहीं है। भारत ऐसा कोई कदम नहीं उठाने जा रहा।
नियंत्रण रेखा पर तनाव के बाद अब भारत-पाक के कूटनीतिक रिश्तों में भी तनाव साफ महसूस हो रहा है। दिल्ली में पाक उच्चायोग के अधिकारी महमूद अख्तर को गोपनीय जानकारियों के साथ रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद उसे भारत से निकाले जाने के जवाब में पाकिस्तान ने इस्लामाबाद से भारतीय अधिकारी सुरजीत सिंह को वापस भेजा। इसके बाद पाकिस्तान ने नई दिल्ली से अपने छह अधिकारियों को वापस बुलाया।
माना जाता है कि दिल्ली पुलिस की पूछताछ में महमूद अख्तर ने उनके नाम बताए थे। इसके बाद इस्लामाबाद में तैनात आठ भारतीय अधिकारियों पर आतंकी गतिविधियों और विध्वंसक कार्यो में सहयोग देने का आरोप लगाया गया। अखबार के अनुसार इसके बाद सुरक्षा कारणों से भारत के पास इन अधिकारियों को वापस बुलाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता।
एक उच्च पदस्थ अधिकारी का हवाला देते हुए अखबार ने लिखा है कि नई दिल्ली ने जिस प्रकार से पाक उच्चायोग के अधिकारियों के नामों को प्रचारित किया, वह आपसी समझदारी को खत्म करने वाला था। इसकी परिणति उच्चायुक्तों को वापस बुलाने तक हो सकती है।
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