अविवाहित बालिग बेटी ले सकती है पिता से गुजारा भत्ता
यदि अविवाहित पुत्री बालिग हो और उसकी आय का कोई जरिया न हो अथवा उसके लिए सक्षम नहीं है तो वह पिता से निर्वाह खर्च या गुजारा भत्ता ले सकती है। गुजरात हाई कोर्ट ने एक अहम फैसले में यह व्यवस्था दी है। फैसले के अनुसार अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी)
अहमदाबाद, जागरण न्यूज नेटवर्क। यदि अविवाहित पुत्री बालिग हो और उसकी आय का कोई जरिया न हो अथवा उसके लिए सक्षम नहीं है तो वह पिता से निर्वाह खर्च या गुजारा भत्ता ले सकती है। गुजरात हाई कोर्ट ने एक अहम फैसले में यह व्यवस्था दी है। फैसले के अनुसार अपराध प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 125 के तहत अविवाहित बालिग पुत्री पिता से गुजारा भत्ता मांग सकती है।
दरअसल, जूनागढ़ की फैमिली कोर्ट में बेटी ने अपने पिता से गुजारा भत्ता पाने के लिए अर्जी लगाई थी। इसी अर्जी पर न्यायालय ने पिता को प्रति महीने छह हजार रुपये देने का आदेश दिया। आदेश के खिलाफ पिता ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। पिता की ओर से दलील दी गई कि यह कानून के प्रावधान के दायरे में ही नहीं है।
उच्च न्यायालय ने पिता की अपील को खारिज करते हुए अपने फैसले में कहा कि यदि बालिग पुत्री अविवाहित है और उसके पास आय का कोई जरिया नहीं है तो वह गुजारा भत्ता पाने की हकदार है। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के एक से अधिक मामलों में भी निर्वाह खर्च देने का फैसला दिया है। इसलिए बालिग पुत्री को निर्वाह खर्च का जो फैसला दिया गया है, उचित है।
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