जजों पर आरोप लगाने वाले की मानसिक हालत की जांच का आदेश
हाई कोर्ट ने जजों के खिलाफ आरोप लगाते वाले व्यक्ति को पकड़कर उसकी मानसिक हालत का पता लगाने के लिए मेडिकल जांच के आदेश दिए ...और पढ़ें

चेन्नई। मद्रास हाई कोर्ट ने पुलिस को न्यायाधीशों के खिलाफ आरोप लगाते हुए 'अफसोसजनक' याचिकाएं दायर करने वाले व्यक्ति को पकड़कर उसकी मानसिक हालत का पता लगाने के लिए मेडिकल जांच के आदेश दिए हैं।
जस्टिस एस. नागमुथु ने शुक्रवार को हाई कोर्ट के सहायक पुलिस आयुक्त को आदेश देते हुए इस व्यक्ति को पकड़कर ग्रेटर चेन्नई सिटी के पुलिस आयुक्त के सामने पेश कर उसकी दो विशेषज्ञों से मेडिकल जांच कराने का आदेश दिया। मामला उस व्यक्ति से जुड़ा है जो लगातार आरोप लगाते हुए अदालत के सामने याचिकाएं दायर करता है कि आतंकी उसके तिरुवल्लुर जिला स्थित गांव के पेयजल में जहर मिलाकर हर रोज लोगों को मार रहे हैं। उसने मद्रास हाई कोर्ट के जजों पर भी आतंकियों की मदद करने का आरोप लगाया है।
उसकी ओर से दायर याचिकाएं कोर्ट पहले खारिज करता रहा है। याचिकाकर्ता शुक्रवार को फिर जस्टिस नागमुथु के सामने पहुंच गया। इस पर न्यायाधीश ने कहा कि 'अफसोसजनक' याचिकाएं दायर करने वाले उस व्यक्ति की मानसिक हालत पर शक के आधार पर उनके द्वारा अभी कोई आदेश देने से कोई हल नहीं निकलेगा। उन्होंने कहा,'हालांकि उसकी मानसिक हालत पर शक होने के साथ ही प्रथम दृष्टया उसके खिलाफ आपराधिक अवमानना का मामला बनता है लेकिन अभी इस स्तर पर उस पर मामला चलाए जाने को मैं ठीक नहीं समझता। किसी कारणवश अगर याचिकाकर्ता मानसिक तौर पर स्वस्थ पाया जाता है और वह फिर से इस तरह की अफसोसजनक याचिका दायर करता है तो अदालत को उसके खिलाफ अफसोसजनक याचिका (निवारण) अधिनियम, 1949 के तहत कार्यवाही शुरू करने पर विचार करना होगा।'

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