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    भाजपा-शिवसेना के रिश्तों में बढ़ी तल्खी, बना सकती है दूरी

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Tue, 13 Oct 2015 01:16 PM (IST)

    पाकिस्‍तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी की बुक लॉन्‍च पर मचे बवाल और इस मुद्दे पर राज्‍य के मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के बयान के बाद शिवसेना राज्‍य सरकार में शामिल अपने मंत्रियों से इस्तीफा दिलवा सकती है। सूत्रों की मानें तो पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे देवेंद्र फड़नवीस के

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    मुंबई। पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी की बुक लॉन्च पर मचे बवाल और इस मुद्दे पर राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के बयान के बाद शिवसेना राज्य सरकार में शामिल अपने मंत्रियों से इस्तीफा दिलवा सकती है। सूत्रों की मानें तो पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे देवेंद्र फड़नवीस के उस बयान से काफी नाराज हैं जिसमें सीएम ने कहा था कि महाराष्ट्र को अराजकता का स्थल किसी सूरत से नहीं बनने दिया जाएगा।

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    सूत्रों के मुताबिक शिवसेना महाराष्ट्र की राज्य सरकार से अलग होने के प्रस्ताव पर जल्द ही विचार कर सकती है। महाराष्ट्र शिवसेना के भाजपा से अलग होने के बाद केन्द्र में भी शिवसेना एनडीए से दूरी बना सकती है। हाल के दिनों के घटनाक्रम और मुख्यमंत्री के रवैये और टिप्पणियों से आहत होकर शिवसेना में ऐेसे स्वर उठने लगे है। शिवसेना केशीर्ष नेतृत्व ने अपने नेता और कार्यकर्ताओं को ये स्पष्ट कर दिया है कि उनमें सत्ता का कोई लोभ नहीं है। लेकिन जन सिद्धांतों पर पार्टी लंबे समय से चल रही है उनसे वो किसी भी रूप में मुंह नहीं मोड़ सकती फिर चाहे अंजाम कुछ भी हो।

    इसके अलावा शिवसेना के मंत्री इस बात से भी नाराज हैं कि सीएम ने बुल लॉन्च कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा बढ़ाने का आदेश दिया। हालांकि पार्टी प्रमुख ने इस बारे में अभी कोई निर्णय नहीं लिया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक ठाकरे जल्द ही फैसला कर अपने मंत्रियों को सरकार से इस्तीफा देने के लिए कह सकते हैं।

    शिवसेना के विरोध के बाद भी मुंबई में हुआ कसूरी की बुक का लॉन्च

    ऐसा इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि कुलकर्णी पर कालिख पोतने के बाद से ही शिवसेना के कई बड़े नेताओं ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं के इस काम का समर्थन किया है। पार्टी नेता संजय राउत ने तो कुलकर्णी को पाक एजेंट तक कह डाला है। ऐसे में इस मुद्दे पर भाजपा और शिवसेना में रार बढ़ गई है।

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    हालांकि शिवसेना की नाराजगी को कम करने के लिए फड़नवीस ने यह भी कहा कि वह महमूद कसूरी का समर्थन नहीं करते हैं, लेकिन विरोध का यह तरीका सही नहीं था। इसके लिए कोई दूसरा रास्ता निकाला जाना चाहिए था। इस बारे में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यदि विरोध ही जताना था तो उसके दूसरे विकल्प भी मौजूद थे।

    गौरतलब है कि कल शिवसैनिकों ने कसूरी की बुक लॉन्च के खिलाफ इसके आयोजक सुधींद्र कुलकणी के मुंह पर काला पेंट लगा दिया था। उन्होंने कसूरी को देश विरोधी और कुलकर्णी को पाकिस्तान का एजेंट और देशद्रोही तक करार दिया। हालांकि शिवसेना मुंबई में पुस्तक का विमोचन रोक नहीं पाई।

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