हाल की घटनाओं से लोगों का एक दूसरे से विश्वास कम हुआ है: माया
देश में बढ़ती असहिष्णुता और खराब होते सांप्रदायिक माहौल के खिलाफ साहित्यकारों का विरोध कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। वहीं दूसरी ओर इस मु्द्दे पर साहित्य अकादमी का पुरस्कार लौटाने वालों की सूची भी लगातार बढ़ती जा रही है। इस मुद्दे और इससे जुड़े विवादों पर
नई दिल्ली। देश में बढ़ती असहिष्णुता और खराब होते सांप्रदायिक माहौल के खिलाफ साहित्यकारों का विरोध कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। वहीं दूसरी ओर इस मु्द्दे पर साहित्य अकादमी का पुरस्कार लौटाने वालों की सूची भी लगातार बढ़ती जा रही है। इस मुद्दे और इससे जुड़े विवादों पर टिप्पणी देते हुए थियेटर आर्टिस्ट माया कृष्णा राव ने दादरी की घटना और साहित्यकार की हत्या समेत कल मुंबई में घटित घटना पर अफसोस जाहिर किया है। हाल की घटनाओं से व्यथित माया ने कहा कि हर रोज ऐसी खबरें देखने और सुनने को मिल रही हैं जो आश्चर्य में डाल देती हैं। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं से लोगों का एक-दूसरे पर से विश्वास कम हुआ है।
गौरतलब है कि कल पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री महमूद कसूरी की बुक लॉन्च से पहले ही शिवसेना ने ऑब्जरवर रिसर्च फाउंडेशन के चेयरमैन सुधींद्र कुलकर्णी के मुंह पर काली स्याही पोत दी थी। हालांकि इन सभी के बावजूद बुक लॉन्च होकर ही रहा।
माया ने इस पर अफसोस जाहिर करते कहा कि उन्हें अब इस बात का डर लगने लगा है कि जिस तरह की घटनाएं घट रही हैं और निजी हमले किए जा रहे हैं ऐसे में आगे क्या होगा इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने इस बात पर भी अफसोस जाहिर किया कि कोई दूसरा थियेटर आर्टिस्ट इसके खिलाफ सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि जो अब घट रहा है वैसा पहले कभी नहीं हुआ है।
सांप्रदायिकता के खिलाफ 11 और लेखकों ने लौटाए पुरस्कार
इन घटनाओं पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि अब आपके बोलने की स्वतंत्रता पर भी हमला हो रहा है। इसके अलावा खाने-पीने, रीत-रिवाज और जीवन जीने के तरीके को लेकर भी निजी हमला किया जा रहा है। ऐसा करने वाले यह तय करने की सोचते हैं कि कि कौन क्या खाएगा, क्या पीएगा, कैसे जीएगा और किसकी पूजा करेगा या नहीं नहीं करेगा। हाल की घटनाओं से व्यथित माया ने कहा कि हर रोज ऐसी खबरें देखने और सुनने को मिल रही हैं जो आश्चर्य में डाल देती हैं।