हुड्डा, किरण, कैप्टन व तंवर समेत दस नेता दिल्ली तलब
कांग्रेस हाईकमान ने हरियाणा के कांग्रेसियों की आपसी लड़ाई पर संज्ञान लेते हुए हुड्डा, किरण, कैप्टन व तंवर समेत दस नेताओं को दिल्ली तलब किया है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। प्रदेश में गुटबाजी को बढ़ावा दे रहे कांग्रेस के सभी धड़ों को पार्टी हाईकमान ने दिल्ली तलब कर लिया है। कांग्रेस के नए प्रभारी कमलनाथ की मौजूदगी में 27 जुलाई को होने वाली बैठक में प्रदेश कांग्रेस के दस वरिष्ठ नेताओं को बुलाया गया है। इस बैठक में सभी धड़ों को जहां एक-दूसरे को कठघरे में खड़ा किया जाएगा, वहीं कांग्रेस हाईकमान की ओर से चेतावनी भी मिल सकती है।
प्रदेश में हुड्डा, तंवर और किरण खेमे एक दूसरे पर पूरी तरह से हमलावर हैं। ताजा विवाद कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी को लेकर है। उन पर आरोप है कि किरण ने करनाल में सीएम मनोहर लाल को ईमानदार बताकर उनकी तारीफ की है, लेकिन किरण इससे इन्कार करती हैं।
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हुड्डा खेमे ने इसे मुद्दा बनाते हुए किरण चौधरी पर आरोपों की झड़ी लगा दी है। विधायक कुलदीप शर्मा और कर्ण सिंह दलाल ने लंदन में होने के बावजूद किरण को कठघरे में खड़ा किया, जिसके बाद किरण और हुड्डा दोनों खेमों की ओर से लड़ाई तेजी पकड़ गई।
हुड्डा और किरण खेमे के बीच तनातनी के चलते पूर्व सिंचाई मंत्री कैप्टन अजय यादव पर भी आरोप जड़े गए। उनके खिलाफ विधायक शकुंतला खटक ने छोटी नेता बताने के आरोप लगाए और पुतले तक फूंके। कैप्टन अजय ने सफाई दी कि शकुंतला के खिलाफ उन्होंने कभी अपशब्द नहीं कहे। बावजूद इसके कांग्रेसियों का विवाद कम नहीं हुआ। पूरे मामले में किरण चौधरी, कैप्टन अजय यादव, शकुंतला खटक, राव नरेंद्र और सतपाल सांगवान प्रदेश प्रभारी से मुलाकात कर चुके हैं।
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कांग्रेस के प्रांतीय अध्यक्ष डा. अशोक तंवर ने पार्टी नेताओं की इस लड़ाई में हस्तक्षेप करते हुए प्रभारी कमलनाथ से मुलाकात की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं की इस लड़ाई से सत्तारूढ़ भाजपा के विरुद्ध चलाई गई मुहिम पर असर पड़ रहा है। पूरा मामला सामने आने के बाद प्रभारी कमलनाथ ने पार्टी के दस वरिष्ठ नेताओं को 27 जुलाई को मीटिंग के लिए दिल्ली बुला लिया है। मीटिंग के बाद सभी दस नेताओं की कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से भी मुलाकात कराई जाएगी।
राज्य स्तरीय समन्वय समिति का गठन संभव
कांग्रेस प्रभारी कमलनाथ ने अपने पहले चंडीगढ़ दौरे के दौरान पार्टी की गुटबाजी पर कड़ा संज्ञान लेते हुए राज्य स्तरीय समन्वय समिति बनाने की बात कही थी। मगर उनके दिल्ली लौटने के बाद इस दिशा में कोई काम नहीं हुआ। कमलनाथ के दौरे के तुरंत बाद पार्टी की गुटबाजी कम होने की बजाय बढ़ गई थी। लिहाजा 27 जुलाई की बैठक में समन्वय समिति बनाने पर भी विचार किया जा सकता है।