जज नियुक्ति मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट गंभीर, 12 को सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट व उच्च न्यायालयों में जजों की निष्पक्ष नियुक्ति तथा भाई-भतीजावाद पर अंकुश लगाने को स्वतंत्र लोक निकाय गठित करने की मांग पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम
नई दिल्ली, प्रेट्र: सुप्रीम कोर्ट व उच्च न्यायालयों में जजों की निष्पक्ष नियुक्ति तथा भाई-भतीजावाद पर अंकुश लगाने को स्वतंत्र लोक निकाय गठित करने की मांग पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ इस पर 12 सितंबर को सुनवाई करेगी।
नेशनल लॅायर्स कैंपेन की ओर से दायर याचिका पर वकील मैक्थ्यूज जे नेदुंपारा ने अदालत से जल्द सुनवाई की अपील की थी। याचिका में मांग की गई है कि जजों की नियुक्ति प्रक्रिया पारदर्शी बनाई जाए और नए सुधारों को लागू किया जाए। वकीलों की संस्था के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया है कि जजों के पदों के लिए सामान्य वकीलों के नाम पर आमतौर पर विचार नहीं किया जाता, भले ही वे कितने काबिल हों। उच्च अदालतों में नियुक्ति के लिए नई व्यवस्था तय की जाए जो कार्यपालिका और न्यायपालिका के प्रभाव से मुक्त हो।
याचिका में सीधा आरोप लगाया गया है कि वर्तमान व्यवस्था में सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्टो के वर्तमान व पूर्व जजों के रिश्तेदारों, उनके जूनियर, विख्यात वकील , मुख्यमंत्रियों, राज्यपालों के मित्रों, संबंधियों अथवा राजनीतिक दल या उद्योग घरानों से जुड़े वकीलों को ही इन अदालतों में जज के पद पर नियुक्ति दी जाती है। सामान्य वकीलों के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।
याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी )अधिनियम को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद किए जाने के बाद सामान्य वकीलों की स्थिति और दयनीय हो गई है। जजों के आचरण के खिलाफ शिकायत पर सुनवाई के लिए भी प्रभावशाली तंत्र नहीं है।
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