बुलेट ट्रेन का सपना और ट्रेन हादसों पर शिवसेना का तंज
शिवसेना ने कल हुए दो रेल हादसे के बाद केंद्र सरकार के बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर सवाल खड़े किए हैं। शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में रेलवे के तंत्र को 'खैरात तंत्र' बताते हुए कहा है कि एक ओर जहां सरकार बुलेट ट्रेन का सपना संजोए हुए है वहीं आज
मुंबई। शिवसेना ने कल हुए दो रेल हादसे के बाद केंद्र सरकार के बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर सवाल खड़े किए हैं। शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में रेलवे के तंत्र को 'खैरात तंत्र' बताते हुए कहा है कि एक ओर जहां सरकार बुलेट ट्रेन का सपना संजोए हुए है वहीं आज भी एक सिग्नल को ठीक करने में काफी लंबा समय लगता है। संपादकीय में लिखा गया है कि रेलवे में खैरात तंत्र की परंपरा के चलते रेल दुर्घटनाएं होती हैं।
पार्टी के मुखपत्र सामना में लिखा है कि वित्तीय संसाधनों की कमी और रेलवे में 'खैरात तंत्र' की परंपरा के चलते रेल तंत्र आधुनिक तंत्रों से लैस नहीं है। कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश के ही इटारसी में सिग्नल व्यवस्था खराब हुई। लेख में आगे लिखा है कि जिस देश में बुलेट ट्रेन' दौड़ाने की कवायद चल रही है वहां मध्य प्रदेश के इटारसी के सिग्नल सिस्टम को ठीक करने में महीनों लग जाते हैं।
शिवसेना ने रेल तंत्र को घिसा-पिटा बताते हुए लिखा है कि हरदा में हुई रेल दुर्घटना ने एक बार फिर रेल प्रशासन को खतरे की घंटी से अवगत कराया है। इस दुर्घटना से रेल विभाग को सीख लेनी होगी।
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