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    हरदा ट्रेन हादसे में 37 की मौत, 25 घायल

    By Sachin BajpaiEdited By:
    Updated: Wed, 05 Aug 2015 07:15 PM (IST)

    मध्य प्रदेश में हरदा के निकट मंगलवार रात कामायनी और जनता एक्सप्रेस दुर्घटना में कितने लोगाों की मौत हुई है, फिलहाल प्रशासन भी बताने की स्थिति में नहीं है। बुधवार देर शाम तक 37 यात्रियों की मौत की पुष्टि की गई है।

    उदय मंडलोई, खंडवा । मध्य प्रदेश में हरदा के निकट मंगलवार रात कामायनी और जनता एक्सप्रेस दुर्घटना में कितने लोगाों की मौत हुई है, फिलहाल प्रशासन भी बताने की स्थिति में नहीं है। बुधवार देर शाम तक 37 यात्रियों की मौत की पुष्टि की गई है। इनमें से 11 लोग एक ही परिवार के हैं। इसके अलावा 25 यात्री घायल हुए हैं। मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान हेलीकॉप्टर से हरदा होते हुए विशेष ट्रेन से घटनास्थल पर पहुंचे।

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    घटनास्थल पर मौजूद ग्रामीणों ने कहा कि एक कोच में 70 से 100 सवारी रहती है। चार-पांच कोच तो बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं और उनमें पानी भी भर गया था। कुछ लोगों को तो बचा लिया गया लेकिन बाकी लोग कहां गए, इस बारे में ग्रामीणों ने आशंका व्यक्त की कि वे लोग बहकर इंदिरासागर बांध के जलाशय में समा गए होंगे। कई लोग इसे प्राकृतिक आपदा मानते रहे तो कई इसके लिए रेलवे प्रशासन को जिम्मेदार ठहरा रहे थे।

    30 शव निकाले

    घटनास्थल के आसपास ही बचाव का अधिकांश काम चला। पुल के सबसे नजदीक रेलवे सुरक्षा बल की आइजी अनुराधा शंकर मौजूद रही। उन्होंने बताया कि पानी के अत्यधिक वेग की वजह से दोनों ट्रेनें पटरी से उतरी हैं। कुछ लोगों ने कूदकर जान बचाई। 30 शव निकाले जा चुके हैं। अभी खोज चल रही है। इनमें से 11 लोगों की शिनाख्त भी हो गई है। अभी मौत का अंतिम नंबर नहीं बता सकते। इस दुर्घटना से दस मिनट पहले ही पुल से कटनी-भुसावल पैसेंजर ट्रेन गुजरी थी।

    नाले पर हुआ हादसा

    माचक नदी पर बने पुल पर ट्रेन हादसा बताया जाता रहा लेकिन कामायनी एक्सप्रेस माचक नदी के पुल पर से गुजर गई थी और इसी नदी से लगे नाले पर बने पुल पर दुर्घटना का शिकार हुई। माचक और नाले में बाढ़ इतनी जबरदस्त थी कि दोनों मिल गए थे। रात के समय पानी रेलवे ट्रैक तक आ गया। पानी सुबह सात बजे तक लगभग 20 फीट उतर गया। आसपास के खेतों में भरा पानी भी बह गया।

    सदमे में बेहोश हो गए यात्री

    बोगी पलटने से कई यात्री सदमे में बेहोश हो गए। यात्रियों ने बताया कि लोग एक दूसरे का हाथ पकड़कर डिब्बे से बाहर निकल रहे थे। कई लोग तो पानी में बह भी गए।

    कैसे बह गई मिट्टी ?

    आक्रोशित यात्रियों ने कहा कि पुल के नीचे से मिट्टी कैसे बह गई, इसका जवाब रेलवे को देना चाहिए। कुछ ने कहा कि ट्रैक पर रेलवे द्वारा पेट्रोलिंग की जाती है। हरदा में बारिश के बाद जिला प्रशासन द्वारा हाईअलर्ट कर दिया गया था, इसके बाद भी रेलवे पेट्रोलिंग ने अलर्ट क्यों नहीं किया।