बुद्ध के दर पर आतंकी धमाके
दुनिया भर को अहिंसा का उपदेश देने वाले महात्मा बुद्ध की तपोभूमि बोधगया हिंसक तत्वों का निशाना बन गई। विश्व धरोहर का दर्जा प्राप्त बोधगया और यहां स्थित महाबोधि मंदिर में रविवार तड़के आतंकियों ने एक के बाद एक नौ बम धमाके किए। ये धमाके उस समय हुए जब मंदिर में प्रार्थना की तैयारियां हो रही थीं।
गया [विनय कुमार मिश्र]। दुनिया भर को अहिंसा का उपदेश देने वाले महात्मा बुद्ध की तपोभूमि बोधगया हिंसक तत्वों का निशाना बन गई। विश्व धरोहर का दर्जा प्राप्त बोधगया और यहां स्थित महाबोधि मंदिर में रविवार तड़के आतंकियों ने एक के बाद एक नौ बम धमाके किए। ये धमाके उस समय हुए जब मंदिर में प्रार्थना की तैयारियां हो रही थीं।
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धमाकों की आवाज सुन आसपास के लोग दहल गए और मंदिर की ओर दौड़ पड़े। दुनिया भर के बौद्धों की आस्था के केंद्र महाबोधि मंदिर में बोधिवृक्ष के समीप साधना कर रहे एक तिब्बती लामा तेनजिन व म्यांमार के बौद्ध भिक्षु विलासागा विस्फोट की चपेट में आ गए। उन्हें इलाज के लिए गया के मगध मेडिकल कालेज ले जाया गया। सुरक्षा कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर दो बम निष्क्रिय भी किए। इनमें से एक 80 फीट विशाल बुद्ध प्रतिमा में लगाया गया था। इस बम में लगे टाइमर में 8 बजकर 20 मिनट का समय सेट किया गया था। तेरगा मठ में रखे एक अन्य बम को सीआरपीएफ के दस्ते ने निष्क्रिय किया। इस बम के टाइमर में 5 बजकर 45 मिनट का समय सेट किया गया था और उसे छोटे सिलेंडरों से जोड़ा गया था।
तस्वीरों में देखें: बोधगया में सीरियल ब्लास्ट
विस्फोटों से महाबोधि मंदिर को खास नुकसान नहीं हुआ, लेकिन जगह-जगह आतंक और विध्वंस के निशान साफ नजर आ रहे हैं। विस्फोट से बोधिवृक्ष के नीचे रखी लकड़ी की बेंच के परखचे उड़ गए और उस पर रखा चीवर बोधिवृक्ष पर जा लटका। यह वही बोधिवृक्ष है जहां बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। विस्फोट में वज्रासन की ओर चढ़ने वाली सीढि़यां भी क्षतिग्रस्त हो गईं। बम विस्फोटों से दहशत में आए तेरगा मठ में पढ़ने वाले छोटे-छोटे बाल लामा छात्रावास छोड़कर बाहर भागे। शाम को बोधगया-दोमुहान मार्ग में बैजुबिगहा के समीप बिजली के एक ट्रांसफार्मर के नीचे एक और बम मिला, जिसे सीआरपीएफ के दस्ते ने निष्क्रिय कर दिया। निष्क्रिय किए गए पांच किलो के सिलेंडर बम में भी टाइमर लगा था।
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धमाकों की जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की टीम दिल्ली से बोधगया पहुंच गई है। गौरतलब है कि इंटेलीजेंस ब्यूरो और दिल्ली पुलिस ने पहले ही इस हमले को लेकर अलर्ट जारी किया था, बावजूद इसके बिहार पुलिस इसे रोक सकने में नाकाम रही। धमाके के बाद केंद्रीय गृहराज्य मंत्री आरपीएन सिंह ने इसे आतंकी हमला करार दिया है। सुरक्षा एजेंसियों ने भी कहना है कि यह आतंकी हमला है लेकिन अब तक वे यह बता पाने की स्थिति में नहीं हैं कि इस हमले के पीछे किस आतंकी संगठन का हाथ है। घटना के आतंकी होने की पुष्टि होते ही केंद्र सरकार ने देश के सभी बौद्ध धर्मस्थलों की सुरक्षा के लिए राज्यों को खास हिदायत देने के साथ दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, बेंगलूर, हैदराबाद, पुणे जैसे शहरों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने के निर्देश दिए।
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महाबोधि मंदिर में विस्फोट की खबर मिलते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना से बोधगया पहुंचकर विस्फोट वाले स्थलों का निरीक्षण करने के साथ अस्पताल जाकर दोनों घायलों की कुशल क्षेम ली। उन्होंने मंदिर की सुरक्षा सीआइएसएफ के हवाले करने की मांग करते हुए कहा कि जिन लोगों की यह हरकत की है उन्हें खोज निकाला जाएगा। उन्होंने मंदिर की सुरक्षा पर कहा कि जरूरत के हिसाब से सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। बम निरोधक दस्ते के उदय ठाकुर ने बताया कि मंदिर परिसर में इस्तेमाल किए गए सभी केन बम थे। सभी में टाइमर का इस्तेमाल किया गया था। बम में अमोनियम नाइट्रेट के प्रयोग की बात सामने आई है।
क्रमवार बम विस्फोट
सुबह : 5:30 बजे तेरगा मोनास्ट्री परिसर स्थित छात्रावास के पीछे दो बम विस्फोट व एक मंदिर के पीछे
सुबह : 5:30 बजे 80 फीट विशाल बुद्ध मूर्ति के पीछे
सुबह : 5:30 बजे पर्यटक बस में
सुबह- 5:40 बजे विश्वदाय धरोहर महाबोधि मंदिर परिसर स्थित पवित्र बोधिवृक्ष के समीप
सुबह- 5:45 बजे तारा देवी मंदिर
सुबह- 5:50 बजे बटर लैंप हाउस के समीप खड़ी एम्बुलेंस वाहन में
सुबह- 5:58 बजे मंदिर के रत्नगृह के समीप
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''शांति के प्रतीक बौद्ध मंदिर में तीर्थयात्रियों और भिक्षुओं को जिस तरह बेवजह हिंसा का शिकार बनाया गया वह घृणित है। सभी से अपील है शांति और धैर्य बनाए रखें और जांच में मदद करें।'' - प्रणब मुखर्जी, राष्ट्रपति
''हमारी सभ्यता और संस्कृति हमें सभी धर्मो के प्रति श्रद्धा सिखाती है। धार्मिक स्थलों पर इस तरह का कायरतापूर्ण हमला कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मैं कामना करता हूं कि सभी घायल जल्द स्वस्थ हों।'' - मनमोहन सिंह, प्रधानमंत्री
''महाबोधि मंदिर पर किया गया कायराना हमला, भारतीय और दुनिया भर के बौद्ध समुदाय के लोगों के लिए बहुत ही दुखद है।'' - नरेंद्र मोदी, गुजरात के मुख्यमंत्री
''रविशंकर प्रसाद कह रहे हैं कि संभवत: पुणे बेकरी धमाके के दोषियों ने बोधगया मंदिर इलाके की भी रेकी की है। यह सांप्रदायिक और द्वेष भावना से प्रेरित राजनीति है, जिसमें भाजपा को महारत हासिल है। भगवान के लिए जांच पूरी होने का इंतजार कीजिए। कृपया हर आतंकी गतिविधि को सांप्रदायिकता का चोला न ओढ़ाएं।'' - दिग्विजय सिंह, कांग्रेस महासचिव
''बोधगया में इस तरह के हमले के लिए केंद्रीय एजेंसियों ने पहले ही बिहार सरकार को आगाह किया था, लेकिन उन्होंने कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए। यह बहुत ही गंभीर मामला है। हमले रोकने के लिए केंद्र सरकार को भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।'' - प्रकाश जावड़ेकर, भाजपा प्रवक्ता
''सरकारी तंत्र धमाके संबंधी चेतावनी के बाद भी कोई कदम उठाने में पूरी तरह से नाकाम रहा है।'' - हरी मांझी, गया से भाजपा सांसद
''केंद्रीय गृह मंत्रालय और बिहार सरकार दोनों को बोधगया में आतंकी हमले की संभावना की पहले ही सूचना थी। इसके बावजूद उन्होंने सुरक्षात्मक कदम नहीं उठाए।'' - रामदास अठावले, आरपीआइ पार्टी के अध्यक्ष
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