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    सियासी सफर में भी मां की दुआओं का साथ

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    Updated: Sat, 01 Feb 2014 02:02 PM (IST)

    देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई के पुलिस मुखिया तथा अंडरव‌र्ल्ड माफिया की जान का बवाल बने रहे बागपत की शान सत्यपाल सिंह ने पुलिस की नौकरी के आखिरी पड़ाव तक बुलंदियों पर ठहरकर अब सियासी सफर आगाज किया है। इन कामयाबियों पर सत्यपाल सिंह को दुनियाभर की मुबारकवाद मिल रही हैं, लेकिन बेटे की बाबत

    [रवि प्रकाश तिवारी], मेरठ । देश की आर्थिक राजधानी मुम्बई के पुलिस मुखिया तथा अंडरव‌र्ल्ड माफिया की जान का बवाल बने रहे बागपत की शान सत्यपाल सिंह ने पुलिस की नौकरी के आखिरी पड़ाव तक बुलंदियों पर ठहरकर अब सियासी सफर आगाज किया है। इन कामयाबियों पर सत्यपाल सिंह को दुनियाभर की मुबारकवाद मिल रही हैं, लेकिन बेटे की बाबत मां हुकमो देवी की नम आंखों की चमक को लफ्जों में नहीं समेटा जा सकता। ठेठ देसी लहजे में वो बोलती हैं कि मेरे बेटे का हमेशा कामयाबियों से नाता रहा है और अब वह राजनीति में आना चाहता है तो मुझे पक्का यकीन है कि वो इस इम्तिहान में भी पास होगा। मेरी दुआएं उसके साथ हैं। हुकमो देवी बेटे सत्यपाल सिंह के पास मुम्बई में डेढ़ महीने तक रहीं। हाल ही में वो मेरठ लौटी हुमको देवी मेरठ के जागृति विहार में बेटे हरबीर सिंह के पास रह रही हैं।

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    हुकमो देवी से बेटे सत्यपाल सिंह का जिक्र छेड़ा गया तो बूढ़ी आंखों में एकबारगी चमक आ गई। बोली, मेरा बेटा डॉक्टर है। पढ़ाई वाला डॉक्टर। गरीबी में भी बच्चों को पाला-पोसा, पढ़ाया और उन्होंने अपनी जिम्मेदारी समझी। आज उनकी कामयाबियों पर हमें फक्र है। वैसे भी अब बेटा नेता बनने उतरा है तो मेरी दुआएं तो हमेशा उसके साथ हैं। उम्मीद है कि अन्य परीक्षाओं की तरह इस परीक्षा में भी वह पास होगा। हर मां का सपना होता है कि उसका बेटा ओहदेदार बनकर देश की सेवा करे। हुकमो देवी कहती हैं कि मेरी वोट आज भी गांव बासोली में ही है। मैंने सोचा नहीं था, लेकिन अपने बेटे के लिए वोट कर मैं उसकी जीत की कामना करूंगी। उन्होंने दो फरवरी को रैली में भी जाने की इच्छा जताई।ं

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    काश पिता जिंदा होते

    हुकमो देवी अपने बेटे की सादगी की कायल हैं। कहती हैं, नेता तो वोट पाने को खादी पहनते हैं, लेकिन सत्यपाल के घर में लिबास ही खादी रहा। उसकी सफलता को उसके पिता रामकिशन सिंह देखते तो खुशी और बड़ी होती।

    लंबे अरसे से चल रहा था होमवर्क

    मुम्बई के पुलिस कमिश्नर सत्यपाल सिंह ने पद से इस्तीफा देकर राजनीति के सफर का आगाज एकदम नहीं कर दिया। लंबे अरसे से होमवर्क चल रहा था। पार्टी-संघ तथा इनसे जुड़े संगठन के सूत्रों की मानें तो संगठन स्तर पर सत्यपाल सिंह को पूरी तरह आश्वस्त किया गया कि उनके सम्मान में कोई कमी नहीं आएगी। इसके बाद सत्यपाल सिंह ने बागपत जिले की राजनैतिक और सामाजिक गतिविधियों में रूचि लेना शुरू कर दिया था। बागपत की बड़ौत तहसील के बासौली गांव के मूल निवासी और मुंबई के कमिश्नर रहे डा.सत्यपाल सिंह के चुनाव मैदान में उतरने की चर्चाएं चल रही थीं। कुछ महीनों में उन्होंने अपने गांव और इलाकों के सामाजिक कार्यक्रमों में भागीदारी की। तभी से यह कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन पुलिस सेवा में होने के नाते वह बहुत कुछ बोल नहीं पा रहे थे। दिल्ली विस चुनाव के बाद से उन्होंने लोस चुनाव लडऩे का अपना पूरा मन बना लिया,लेकिन वह अपनी नौकरी को दांव पर लगाने के साथ संघ-भाजपा से कुछ स्थायी भरोसा भी चाह रहे थे।

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    मिलने लगीं बधाइयां

    मुंबई के पुलिस कमिश्नर पद से इस्तीफा देने वाले सत्यपाल सिंह के भाजपा में शामिल होने की औपचारिक घोषणा भले ही दो फरवरी को होने वाली नरेंद्र मोदी की रैली में हो, लेकिन उनके परिवार ने बधाई स्वीकार करनी शुरू कर दी है। सत्यपाल सिंह का कार्यक्रम भी तय है कि वे दो फरवरी की रैली में मेरठ आएंगे और इसके बाद बागपत भी जाएंगे जहां आर्य मंदिर में एक बड़ा आयोजन रखा गया है।

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    ताकि पढ़ सकें बेटियां

    सत्यपाल सिंह के छोटे भाई हरबीर सिंह की पत्‍‌नी प्रेमलता का कहना है कि उनके जेठ शुरू से ही समाज में बदलाव के पक्षधर रहे। सबसे अधिक उन्हें लड़कियों की शिक्षा की ज्यादा चिंता रही। यही वजह है कि पैतृक गांव में अन्य लोगों की मदद से एक-दो स्कूल खोले। इसे और वृहद रूप देने की योजना है। जेठ की सादगी का बखान करते हुए प्रेमलता बताती हैं कि आज भी घर में दूसरी सब्जी बनने पर वे टोक देते हैं।

    पत्नी ने कहा, वेट एंड वाच

    सत्यपाल सिंह की पत्नी अलका फिलहाल उनके राजनीतिक सफरनामे को लेकर सतर्क हैं और गोपनीयता बनाए रखना चाहती हैं। जब उनसे संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि यह सही है कि पति ने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन अभी राजनीति को लेकर कुछ फाइनल नहीं है। यही कहना चाहूंगी.वेट एंड वाच। सत्यपाल की पत्नी अलका पेशे से शिक्षिका थीं, लेकिन परिवार की खातिर उन्होंने नौकरी छोड़ दी। बड़ी बेटी चारू एलएलबी पास कर चुकी है। बेटी रिचा डॉक्टर है और बेटा प्रकेत दिल्ली में रहकर सिविल परीक्षा की तैयारियां कर रहा है।

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