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    मोहनलालगंज कांड: पुलिस खंगाल रही रामसेवक का रिकार्ड

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    Updated: Tue, 22 Jul 2014 10:11 AM (IST)

    मोहनलालगंज में महिला की हत्या के आरोपी रामसेवक के तार अमरोहा से जुड़ने पर पुलिस आज यहां के थानों में उसका रिकार्ड खोजने में लगी है। तीन थानों का रिकार्ड खंगालने के बाद पुलिस के हाथ कुछ भी नहीं लगा। एसपी ने शेष सभी थानों के रिकार्ड तलाशने के निर्देश दिए हैं। राजधानी के निर्भया कांड में राजफाश के दावे में पुलिस ने

    लखनऊ। मोहनलालगंज में महिला की हत्या के आरोपी रामसेवक के तार अमरोहा से जुड़ने पर पुलिस आज यहां के थानों में उसका रिकार्ड खोजने में लगी है। तीन थानों का रिकार्ड खंगालने के बाद पुलिस के हाथ कुछ भी नहीं लगा। एसपी ने शेष सभी थानों के रिकार्ड तलाशने के निर्देश दिए हैं। राजधानी के निर्भया कांड में राजफाश के दावे में पुलिस ने बताया था कि 2006 में धोखाधड़ी के एक मामले में रामसेवक अमरोहा के किसी थाने से जेल जा चुका है।

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    पुलिस को दिए बयान में रामसेवक को जोया तो याद रहा, लेकिन थाने का नाम भूल गया। उसने बयान दिया कि जोया के पास स्थित एक थाने से वह जेल गया था। ऐसे में शासन स्तर से जांच का आदेश आया है। रविवार शाम को एसपी एसएस बघेल ने सबसे पहले डिडौली कोतवाली में वर्ष 2006 का रिकार्ड चेक कराया, पर कोई साक्ष्य नहीं मिला। उसके बाद रजबपुर तथा बाद में गजरौला थाने का रिकार्ड चेक कराया गया, लेकिन रामसेवक की बातों को बल नहीं मिला।

    रामसेवक की रिमांड मंजूर

    मोहनलालगंज में महिला की दरिंदगी से हत्या के मामले में गिरफ्तार आरोपी गार्ड रामसेवक यादव को पुलिस ने सोमवार शाम कड़े सुरक्षा घेरे में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुनील कुमार की कोर्ट में पेश किया, जहां से उसको न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। पुलिस की ओर से अदालत में दाखिल प्रार्थना पत्र में आरोपी की तीन दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड की मांग पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दो दिनों की रिमांड मंजूर की है। एएसपी देहात सौमित्र यादव के मुताबिक कोर्ट ने मंगलवार सुबह 10 बजे से दो दिनों की रिमांड मंजूर की है। रामसेवक ने कोर्ट में दर्ज कराए बयान में जुर्म स्वीकार कर लिया है। कोर्ट के समक्ष फोरेंसिक टीम ने उसके खून और नाखून का नमूना लिए।

    चादर हटा खिंचवाई थी तस्वीर

    मोहनलालगंज में एक संवेदनहीन पुलिसकर्मी ने दरिंदगी का शिकार महिला के शव पर डाले गए कपड़े को हटाया भी था और कुछ लोगों ने महिला की तस्वीरें खीची थीं। जांच में तस्वीरें खींचकर दूसरों को प्रसारित करने वाले पांच लोगों को चिह्नित कर लिया गया है। इनमें एक मीडियाकर्मी भी बताया जा रहा है। पुलिस अब आइटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार करने की तैयारी कर रही है। इंस्पेक्टर व अन्य पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में ही महिला की तस्वीरें खीची गई थीं। यह तथ्य सामने आने पर ही 17 जुलाई को ही एसएसपी ने इंस्पेक्टर कमरुद्दीन खान व दारोगा मुन्नीलाल को निलंबित कर दिया था। पुलिस ने शव पर सफेद चादर डाल दी थी, जिसके बाद एक पुलिसकर्मी ने वहां मौजूद कुछ लोगों के कहने पर चादर को हटा दिया। एक तस्वीर में तो शव के पास खड़े दो पुलिसकर्मी भी नजर आ रहे हैं, इनमें एक के हाथ में सफेद रंग की चादर है। तस्वीर में पुलिसकर्मियों के पास खड़े कई लोग अपने-अपने मोबाइल फोन से फोटो खींच रहे हैं।

    दरअसल, महिला का शव मौके पर औंधे मुंह पड़ा मिला था, जिसे पुलिसकर्मियों ने वहां पहुंच चुके लोगों की मौजूदगी में ही सीधा किया। तब लोगों ने महिला की औंधे मुंह पड़े होने की तस्वीर के बाद की भी तस्वीरों को खींचा, जिनमें उसका चेहरा भी नजर आ रहा था।

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