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    शरीफ को पत्र लिख मोदी ने दिए बर्फ पिघलने के संकेत, जल्‍द हो सकती है मुलाकात

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Sat, 25 Mar 2017 11:45 AM (IST)

    पीएम मोदी ने नवाज शरीफ को पाकिस्तान दिवस पर बधाई देते हुए पत्र लिखा है। कूटनीतिक सर्किल में चर्चा गर्म है कि मोदी और शरीफ के बीच जून में मुलाकात हो सक ...और पढ़ें

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    शरीफ को पत्र लिख मोदी ने दिए बर्फ पिघलने के संकेत, जल्‍द हो सकती है मुलाकात

    नई दिल्ली (जेएनएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवाज शरीफ को पाकिस्तान दिवस पर बधाई देते हुए पत्र लिखा है। कूटनीतिक सर्किल में चर्चा गर्म है कि मोदी और शरीफ के बीच जून में मुलाकात हो सकती है। जून के दूसरे हफ्ते में अस्ताना (कजाकिस्तान) में शंघाई सहयोग संघटन (एससीओ) की बैठक होने वाली है। इसमें भारत व पाकिस्तान के पीएम के शामिल होने के आसार हैं। इस बैठक में ही इन दोनों देशों को एससीओ के पूर्णकालिक सदस्य के तौर पर शामिल किया जाना है।

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    उस समय पीएम मोदी कजाकिस्तान के पड़ोसी देश रूस में भारत-रूस के कूटनीतिक रिश्तों के 70 वर्ष पूरे होने पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए जाएंगे। यह भी ध्यान देने वाली बात है कि ठीक दो वर्ष पहले उफा (रूस) में एससीओ की बैठक में ही मोदी ने शरीफ से पांच मिनट की वार्ता की थी, जिससे दोनों देशों के बीच आधिकारिक तौर पर बातचीत को आगे बढ़ाने का रास्ता साफ हुआ था।

    बहरहाल, पीएम मोदी की तरफ से शरीफ को लिखे गए इस पत्र को विदेश मंत्रालय ने वैसे तो महज एक कूटनीतिक औपचारिकता करार दिया है। लेकिन जानकारों का कहना है कि पिछले एक वर्ष से जिस तरह से द्विपक्षीय रिश्तों में खटास घुल रही थी, उसे देखते हुए इसकी अपनी अहमियत है। भारत ने फरवरी से ही नरमी के संकेत देने शुरू कर दिए। तब विदेश मंत्रालय के तहत आने वाले आईसीसीआर ने लाहौर साहित्य का सहआयोजन किया।

    पहली बार आईसीसीआर ने पाकिस्तान में किसी कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस बीच भारत ने विभिन्न जेलों में बंद पाकिस्तान के 31 कैदियों को छोड़ने का भी एलान किया। उसके बाद भारतीय सांसदों के एक दल ने वहां एशियाई सांसदों के वैश्विक कार्यक्रम में हिस्सा भी लिया। इसी हफ्ते भारत व पाक के अधिकारियों के बीच सिंधु जल समझौते पर बातचीत हुई है।

    ध्‍यान रहे कि दिसंबर, 2015 तक मोदी और शरीफ के बीच लगातार संवाद हुआ। एक-दूसरे को जन्मदिन की बधाई देने वाले इन दोनों ने पिछले वर्ष यह औपचारिकता भी नहीं निभाई। आतंकवाद पर पाकिस्तान के रवैए को देखते हुए भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उसे कूटनीतिक तौर पर अलग-थलग करने की पूरी कोशिश भी की।

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