जयललिता का उत्तराधिकारी बनने की दौड़ में ये तीन, पढ़ें- किसमें कितना दम
जयललिता के निधन के बाद तमिलनाडु का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इसकी कवायदें तेज हो गई हैं। उधर सत्ता के लिए सिर फुटौव्वल शुरू होने की भी खबर है।
चेन्नई, जेएनएन। तमिलनाडु की सीएम जयललिता का दिल का दौरा पड़ने के बाद सोमवार की देर रात निधन हो गया। उन्होंने चेन्नई के अपोलो अस्पताल में रात 11 बजकर 30 मिनट अंतिम सांस लीं। वहीं, अब उनके उत्तराधिकारी को लेकर भी चर्चाएं शुरू हो गई हैं। सूत्रों के अनुसार एआईएडीएमके के सभी विधायकों ने एक हलफनामे पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके साथ ही खबर ये भी है कि जयललिता की बीमारी के बाद सत्ता के तीन केंद्र उभर कर सामने आए हैं। अब ऐसे में सिर फुटौव्वल की स्थिति सामने आ सकती है।
सबसे पहले नाम आता है जयललिता के बेहद नजदीकी और भरोसेमंद माने जाने वाले पनीरसेल्वम का। सूत्रों के मुताबिक हलफनामे पर हस्ताक्षर के दौरान विधायकों ने पनीरसेल्वम पर भरोसा जताया है। अतीत में जयललिता ने अपनी गैरमौजूदगी के दौरान भरोसा जताते हुए उन्हें दो बार मुख्यमंत्री बनाया था। इनमें से पिछली बार 2014 में वह मुख्यमंत्री बने थे, जब जयललिता भ्रष्टाचार के मामले में जेल गईं थीं। इसके साथ ही जयललिता की अस्पताल में मौजूदगी के दौरान जयललिता के आठ विभागों का प्रभार पन्नीरसेल्वम को दिया गया। वे जयललिता के प्रति वफादारी दिखाते रहे हैं।
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इसके बाद शशिकला नटराजन का नाम आता है क्योंकि, वह जयललिता की बेहद करीबी और सहयोगी भी रही हैं। जयललिता के साथ शशिकला पर भ्रष्टाचार के मामले चले हैं। नटराजन के भतीजे को जयललिता ने दत्तक पुत्र माना था और 1995 में उसकी भव्य शादी के चर्चे आज भी होते हैं। फिलहाल अस्पताल में जयललिता की देखभाल का जिम्मा इन्होंने ही उठा रखा है।
अब नाम आता है शीला बालाकृष्णन का। राज्य की पूर्व मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री की सलाहकार। जयललिता के अस्पताल में मौजूदगी के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रशासनिक व्यवस्था सुचारू ढंग से चलाए जाने की व्यवस्था उन्होंने ही सुनिश्चित की।
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