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    मुकाम से पहले ही हांफने लगा तीसरा मोर्चा

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    Updated: Mon, 10 Feb 2014 10:10 PM (IST)

    आगामी चुनाव के लिए तीसरे मोर्चे की कवायद मुकाम तक पहुंचने से पहले ही हांफने लगी है। सोमवार को इसकी तीसरी बैठक में तीन बड़े घटक दल अन्नाद्रमुक, सपा और बीजद काकोई प्रतिनिधि मौजूद नहीं था। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के आवास पर हुई बैठक में जदयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और वाम मोर्चा के नेताओं के बीच चर्चा हुई।

    नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। आगामी चुनाव के लिए तीसरे मोर्चे की कवायद मुकाम तक पहुंचने से पहले ही हांफने लगी है। सोमवार को इसकी तीसरी बैठक में तीन बड़े घटक दल अन्नाद्रमुक, सपा और बीजद काकोई प्रतिनिधि मौजूद नहीं था। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के आवास पर हुई बैठक में जदयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और वाम मोर्चा के नेताओं के बीच चर्चा हुई।

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    अब तक की बैठकों में मोर्चा के नेता यह तय नहीं कर पाए हैं कि चुनावी तालमेल की शक्ल क्या होगी। इस बीच प्रधानमंत्री पद की परोक्ष दावेदारी जरूर अलग अलग दलों की ओर से होती रही है। सोमवार की बैठक के बाद भाकपा महासचिव एबी बर्धन ने बताया कि 25 से 26 फरवरी को दिल्ली में अगली बैठक करेंगे, जिसमें सभी 11 दलों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। उसमें अगले महीने एक- दो बड़ी रैली के आयोजन पर चर्चा होगी ताकि तीसरे मोर्चे की एकजुटता और राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन किया जा सके। जनता दल (एस) नेता देवगौड़ा के आवास पर हुई इस बैठक में नीतीश कुमार के साथ बर्धन, माकपा महासचिव प्रकाश करात, फारवर्ड ब्लाक के देवब्रत विस्वास प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

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    जनता दल (एस) के महासचिव दानीश अली ने कहा कि चूंकि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में थे, तो नेताओं ने नाश्ते पर मिलने का निर्णय लिया। लेकिन इसका ठोस जवाब किसी के पास नहीं था कि दिल्ली में मौजूद होने के बावजूद बीजद प्रमुख व ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक क्यों अलग रहे। ध्यान रहे कि इससे पहले की बैठकों में भी वह अपना प्रतिनिधि भेजते रहे हैं। सपा और अन्नाद्रमुक के नेता भी गैरहाजिर थे। गौरतलब है कि फिलहाल इस मोर्चे में शामिल असम गण परिषद को लेकर खुद घटकदलों में भी संशय है।

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