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    जेल ब्रेक की जांच एनआइए, मुठभेड़ की एसआइटी से

    मध्य प्रदेश के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने साफ कहा है कि एनआइए सिमी आतंकियों के साथ मुठभेड़ की जांच नहीं करेगी।

    By Manish NegiEdited By: Updated: Tue, 01 Nov 2016 10:12 PM (IST)

    भोपाल, (नई दुनिया)। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने साफ कहा है कि एनआइए सिमी आतंकियों के साथ मुठभेड़ की जांच नहीं करेगी।

    अनूपपुर में मंगलवार को उन्होंने पत्रकारों से कहा कि मुठभेड़ मामले में जांच की जरूरत नहीं है इसलिए एनआइए केवल जेल बे्रक मामले की जांच करेगी। गृह मंत्री ने कहा कि ये विचाराधीन बंदी थे, इसलिए इनके पहनने वाले कपड़ों पर कोई रोक-टोक नहीं थी।

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    सिंह ने माना कि जेल के अंदर खुफिया तंत्र की असफलता के कारण यह घटना हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकियों ने जेल से भागने की प्लानिंग कोई एक दिन में नहीं की होगी। जेल के अंदर और बाहर कुछ लोग इन आतंकियों के संपर्क में जरूर रहे होंगे। जिस जगह से वे भागे, वहां सीसीटीवी नहीं था। वहां अंधेरा रहता है। कैमरा बंद होना भी उस प्लान का हिस्सा हो सकता है।

    उधर, राज्य के डीजीपी ऋषि शुक्ला ने मुठभेड़ मामले की जांच के लिए एसआइटी का गठन कर दिया है। यह बुधवार से जांच शुरू कर देगी।

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    एनआइए इन बिंदुओं पर कर सकती है जांच

    - सीसीटीवी कैमरे खराब थे तो उन्हें ठीक क्यों नहीं कराया गया जबकि मालूम था कि वहां इतने आतंकी रखे गए हैं?

    - जेल प्रहरी रमाशंकर यादव की हत्या हो जाने की सूचना कितनी देर बाद मिली?

    - आठ आतंकी दीवार फांद रहे, यह सीसीटीवी पर निगाह रख रहे और वाच टावरों पर तैनात प्रहरियों में से किसी को क्यों नहीं दिखा?

    - आतंकी चादरों की रस्सी के सहारे करीब 35 फीट दीवार कैसे पार कर गए? क्या बाहर किसी ने यह रस्सी पकड़ रखी थी?

    मुठभेड़ मामले में ये सवाल उठेंगे:

    - आतंकियों को हथियार कहां से मिले थे? वे किसी वाहन से कहीं दूर क्यों नहीं भागे जबकि वे हथियारों के बल पर किसी भी वाहन पर कब्जा कर सकते थे? जेल से मुठभेड़ स्थल की दूरी 10 किलोमीटर है।

    - सब इकट्ठे क्यों थे जबकि ऐसी परिस्थितियों में जेल से भागने वाले लोग अलग-अलग दिशाओं में जाते रहे हैं ताकि पकड़े न जाएं।

    - उन्हें जींस, बेल्ट, स्पो‌र्ट्स शू वगैरह कहां से मिले?

    - जिस जगह मुठभेड़ हुई, उससे आगे जाने का रास्ता नहीं था। यह पहाड़ी इलाका है और इससे आगे जाने पर वे घाटी में गिर सकते थे। ऐसे में उन पर कब्जा करना आसान था तो पुलिस ने सबको गोली क्यों मारी?

    - अगर वीडियो सही हैं तो आतंकी समर्पण करने के लिए हाथ उठाए दिख रहे। किसी आदमी की आवाज भी आ रही है कि 'कंट्रोल, ये पांच आदमी बात कर रहे हैं, तीन पीछे की ओर . हैं. चारो तरफ से घेर लो।' फिर उन्हें मार डालना कितना उचित था?

    - वीडियो में एक पुलिसकर्मी जमीन पर गिरे एक आतंकी को गोली मारता दिख रहा है और किसी की 'मार डालो. मार डालो' की आवाज सुनाई दे रही। क्या यह उचित था?

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