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    मुजफ्फरनगर में हिंसा थमते ही सियासत शुरू

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    Updated: Fri, 13 Sep 2013 08:37 AM (IST)

    सांप्रदायिक दंगे की आग में मुजफ्फरनगर के झुलसने के पीछे कोई खेल रहा हो या नहीं, लेकिन अब सियासी खेल जरूर शुरू होने जा रहा है। दंगा थमने के साथ ही राजनीतिक दलों की फिक्र बढ़ने लगी है। पांच दिन बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी महसूस हुआ है कि उन्हें दंगा पीड़ितों के पास जाना चाहिए। तो कांग्रेस की भी

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सांप्रदायिक दंगे की आग में मुजफ्फरनगर के झुलसने के पीछे कोई खेल रहा हो या नहीं, लेकिन अब सियासी खेल जरूर शुरू होने जा रहा है। दंगा थमने के साथ ही राजनीतिक दलों की फिक्र बढ़ने लगी है।

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    पढ़ें: अखिलेश ने माना मुजफ्फरनगर में हुई चूक

    पांच दिन बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी महसूस हुआ है कि उन्हें दंगा पीड़ितों के पास जाना चाहिए। तो कांग्रेस की भी नींद टूट गई है। खुद सोनिया व राहुल गांधी जुल्म-ज्यादती से तबाह हुए पीड़ितों से मिलने जाएंगे।

    पढ़ें: अखिलेश सरकार पर भड़के अल्पसंख्यक

    पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भरोसे ही राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय और केंद्र में मंत्री पद का सुख भोग रहे रालोद प्रमुख अजित सिंह ने गुरुवार को प्रभावित लोगों से मिलने जाने की फिर से कोशिश की, लेकिन असफल रहे। उधर, उत्तर प्रदेश के किसी भाजपा नेता ने दिल्ली से उधर का रुख तो नहीं किया, लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने वहां जाने का प्रयास किया। दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर उनकी गिरफ्तारी के साथ भाजपा की भी हाजिरी लग गई। दंगा पीड़ितों के करीब जाने का भाजपा का अभी अगला कार्यक्रम नहीं बन सका है। कांग्रेस और सपा, यहां तक कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अब तक इन कोशिशों से दूर रह गए थे। दंगा अब थम गया है। कांग्रेस महासचिव व उत्तर प्रदेश के प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री ने एलान कर दिया है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी दंगा पीड़ितों का दुख-दर्द जानने और हालात का जायजा लेने अगले हफ्ते खुद मुजफ्फरनगर जाएंगे।

    पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इस दंगे के मामले में अखिलेश सरकार और समाजवादी पार्टी चौतरफा घिरी है। हर कोई उस पर आक्रामक है। सरकार और पार्टी से जवाब देते नहीं बन रहा है। लिहाजा, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी मुजफ्फरनगर जाकर दंगे के शिकार पीड़ित परिवारों से मिलने का फैसला किया है। हालांकि, वह अभी भी तारीख नहीं तय कर सके हैं, लेकिन गुरुवार को आगरा में उन्होंने इस मंशा का इजहार जरूर कर दिया।

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