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    भाकपा ने माइनस में की मोदी सरकार की मार्किंग

    By Sachin kEdited By:
    Updated: Wed, 20 May 2015 06:18 AM (IST)

    कांग्रेस के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के एक साल के कार्यकाल पर वामदलों ने भी सवाल उठाए हैं। भाकपा ने मंगलवार को कहा कि किसान विरोधी, श्रमिक विरोधी व कारपोरेट समर्थक नीतियों के लिए राजग सरकार की मार्किंग माइनस में होनी चाहिए।

    नई दिल्ली। कांग्रेस के बाद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के एक साल के कार्यकाल पर वामदलों ने भी सवाल उठाए हैं। भाकपा ने मंगलवार को कहा कि किसान विरोधी, श्रमिक विरोधी व कारपोरेट समर्थक नीतियों के लिए राजग सरकार की मार्किंग माइनस में होनी चाहिए।

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    वहीं, मुंबई में माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने केंद्र के एक साल के कार्यकाल को पूरी तरह असफल करार दिया है। उनका कहना है कि राजग सरकार का कार्यकाल संसदीय कार्यवाहियों की उपेक्षा करने के लिए जाना जाएगा। सोमवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार को दस में शून्य अंक दिए थे।

    मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए भाकपा ने कहा कि वह एक रहस्यात्मक और घमंडी नेता हैं। वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से पूरी तरह भिन्न हैं। वाजपेयी दूसरे के विचारों को भी सुना करते थे। भाकपा महासचिव व पूर्व सांसद एस. सुधाकर रेड्डी ने यहां कहा कि कल, राहुल गांधी ने कहा था कि पिछले एक साल के कार्यकाल के लिए वह मोदी सरकार को शून्य अंक देंगे, लेकिन सवालों के गलत जवाब और गलत नीतियां लाने के लिए हम ऋणात्मक अंक (माइनस मार्किंग) देंगे।

    मुंबई में एक आदिवासी रैली में येचुरी ने कहा कि भाजपा के सत्तासीन होने के बाद के समय को हम भयानक व दुर्भाग्यपूर्ण प्रवृत्ति के रूप में आता हुआ देख रहे हैं। हमें तीन क्षेत्रों (नई उदार आर्थिक नीतियां, संसदीय कार्यवाहियों की उपेक्षा और सांप्रदायिक शक्तियों के उभरने) में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

    एक साल में 18 देशों की यात्राओं करने पर मोदी का उपहास उड़ाते हुए येचुरी ने कहा कि विदेशी दौरों की अभूतपूर्व संख्या ही उनकी सरकार का एकमात्र रिकार्ड है।

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