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    माकपा चली अब सीताराम के सहारे

    By Sachin kEdited By:
    Updated: Mon, 20 Apr 2015 08:47 AM (IST)

    गठबंधन की व्यावहारिक राजनीति पर अच्छी पकड़ रखने वाले सीताराम येचुरी के सहारे अब मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (माकपा) आगे बढ़ेगी। उन्हें रविवार को सर्वसम्मति से माकपा का महासचिव निर्वाचित कर दिया गया। वह पार्टी में यह पद संभालने वाले पांचवें नेता हैं। प्रकाश करात का युग समाप्त होने के साथ

    विशाखापत्तनम। गठबंधन की व्यावहारिक राजनीति पर अच्छी पकड़ रखने वाले सीताराम येचुरी के सहारे अब मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (माकपा) आगे बढ़ेगी। उन्हें रविवार को सर्वसम्मति से माकपा का महासचिव निर्वाचित कर दिया गया। वह पार्टी में यह पद संभालने वाले पांचवें नेता हैं। प्रकाश करात का युग समाप्त होने के साथ ही माकपा व भाकपा के भावी विलय पर भी येचुरी ने कहा कि यह होना ही है, लेकिन इसके लिए कोई समयसीमा निर्धारित नहीं की गई है।

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    पार्टी की 21वीं कांग्रेस के अंतिम दिन रविवार को 91 सदस्यीय केंद्रीय समिति व 16 सदस्यीय पोलित ब्यूरो का भी चुनाव किया गया। 62 वर्षीय सीताराम येचुरी को माकपा की 21वीं राष्ट्रीय कांग्रेस में पार्टी के सर्वोच्च पद के लिए सर्वसम्मति से चुना गया। 2005 से माकपा महासचिव रहे प्रकाश करात ने येचुरी के नाम का प्रस्ताव रखा।

    एस. रामचंद्रन पिल्लई ने उसका अनुमोदन किया। 91 सदस्यीय नई सेंट्रल कमेटी ने उसका समर्थन किया।
    येचुरी के निर्वाचन के बाद प्रकाश करात ने मीडिया को इस बारे में औपचारिक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पार्टी ने निर्विरोध महासचिव चुनने की परंपरा को बरकरार रखा है।

    मोदी सरकार का विरोध होगा मुख्य एजेंडा
    महासचिव बनने के बाद येचुरी ने कहा कि भाजपा व उसकी नीतियों का विरोध करने का उनका मुख्य लक्ष्य है। मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों व हिंदुत्व के एजेंडे का भरपूर विरोध किया जाएगा। लेकिन इस अभियान में वह कांग्रेस का साथ नहीं देंगे। उनका लक्ष्य वाम दलों व लोकतांत्रिक दलों के बीच एकता को मजबूत करना होगा। कांग्रेस इस नतीजे पर पहुंची है कि पूरे विश्व में पूंजीवाद की समस्या बढ़ती जा रही है। समाजवाद के लिए संघर्ष करने का कोई विकल्प बचा ही नहीं है। मानव सभ्यता का अगर कोई भविष्य है तो वह समाजवाद में ही है।

    पोलित ब्यूरो में सुभाषिनी अली समेत चार नए सदस्य

    नवनिर्वाचित येचुरी ने 16 सदस्यीय नए पोलित ब्यूरो की घोषणा की है। पोलित ब्यूरो के चार नए सदस्यों में मुहम्मद सलीम, सुभाषिनी अली, हन्नान मुल्लाह व जी. रामकृष्णन हैं। बृंदा करात के बाद कानपुर से अग्रणी माकपा नेता सुभाषिनी अली पोलित ब्यूरो में दूसरी महिला सदस्य हो गई हैं। पोलित ब्यूरो के पुराने सदस्यों में सीताराम येचुरी, प्रकाश करात, बृंदा करात, एस.रामचंद्रन पिल्लई, बिमान बसु, मानिक सरकार, पिनयाराई विजयन, बीवी राघववुलु, के. बालाकृष्णन, एमए बेबी, एसके मिश्रा, एके पद्मनाभन अपने स्थान पर कायम हैं। 91 सदस्यों के अलावा, नई सेंट्रल कमेटी के पांच विशेष आमंत्रित और पांच स्थाई आमंत्रित होंगे।

    येचुरी से जुड़ी दस बातें

    1. 12 अगस्त, 1952 को तमिलनाडु के ब्राह्म्ण परिवार में जन्मे।

    2. दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक व जेएनयू से एमए किया।

    3. 1974 में भारतीय स्टुडेंट्स फेडरेशन (एसएफआइ) से जुड़े व इसके अगले साल माकपा के सदस्य बने।

    4. जेएनयू से पीएचडी की डिग्री अधूरी रही, क्योंकि आपातकाल में गिरफ्तार रहे।

    5. 1977-78 के दौरान जेएनयू छात्र संघ के तीन बार अध्यक्ष चुने गए और 1978 में एसएफआइ के महासचिव।

    6. 1985 में माकपा की केंद्रीय समिति में बतौर सदस्य शामिल हुए।

    7. 1992 में पोलित ब्यूरो सदस्य बने और लंबे समय तक पार्टी मुखपत्र पीपल्स डेमोक्रसी के संपादक रहे।

    8. जुलाई, 2005 में पश्चिम बंगाल से पहली बार राज्यसभा सदस्य बने।

    9. राज्यसभा में किसानों व कामगारों के मुद्दों को प्रमुखता से उठाते हैं।

    10. पत्रकार सीमा चिश्ती से शादी की। पहली शादी से दो संतानें (एक बेटी और एक बेटा)।

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