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    भाजपा की कार्यकारिणी में मोदी पर कलह मची

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    Updated: Fri, 07 Jun 2013 11:38 PM (IST)

    पणजी [आशुतोष झा]। उपचुनावों केनतीजों से कांग्रेस पर बनी मनोवैज्ञानिक बढ़त को भाजपा अपनी अंतर्कलह में गंवा सकती है। मिशन 2014 के लिए रणनीति बनाने के इरादे से गोवा में आयोजित भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के केंद्र में तो गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, लेकिन किनारों पर अंतर्कलह जमी हुई है। पार्टी का चेहरा किसे बनाया जाए, इसे लेकर रस्साकशी जारी है। शनिवार से शुरू हो रही दो दिवसीय कार्यकारिणी की पूर्व संध्या पर संसदीय बोर्ड सदस्यों, केंद्रीय पदाधिकारियों समेत प्रदेश अध्यक्षों और प्रदेश प्रभारियों की बैठक से लालकृष्ण आडवाणी समेत कई नेताओं की गैरमौजूदगी ने पार्टी का संकट बढ़ा दिया है। आडवाणी पिछले चार-पांच दशक में पहली बार राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से गैरहाजिर रह सकते हैं।

    पणजी [आशुतोष झा]। उपचुनावों केनतीजों से कांग्रेस पर बनी मनोवैज्ञानिक बढ़त को भाजपा अपनी अंतर्कलह में गंवा सकती है। मिशन 2014 के लिए रणनीति बनाने के इरादे से गोवा में आयोजित भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के केंद्र में तो गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, लेकिन किनारों पर अंतर्कलह जमी हुई है। पार्टी का चेहरा किसे बनाया जाए, इसे लेकर रस्साकशी जारी है। शनिवार से शुरू हो रही दो दिवसीय कार्यकारिणी की पूर्व संध्या पर संसदीय बोर्ड सदस्यों, केंद्रीय पदाधिकारियों समेत प्रदेश अध्यक्षों और प्रदेश प्रभारियों की बैठक से लालकृष्ण आडवाणी समेत कई नेताओं की गैरमौजूदगी ने पार्टी का संकट बढ़ा दिया है। आडवाणी पिछले चार-पांच दशक में पहली बार राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से गैरहाजिर रह सकते हैं।

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    हो सकता है कि वह गोवा पहुंचे ही नहीं। हालांकि, मोदीमय माहौल में यह भी माना जा रहा है कि भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह शनिवार की शाम तक चुनाव अभियान समिति के नेतृत्व के बाबत कोई अंतिम फैसला ले लेंगे। पार्टी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने इस बाबत कहा, 'जब हम समुद्र किनारे बैठकर मंथन कर रहे हैं तो अब अमृत कलश ही निकलेगा। यहां से जो भी फैसला होगा वह भाजपा की राह और मजबूत बनाएगा।'

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    कार्यकारिणी का एजेंडा तो केंद्र सरकार को घेरने से लेकर संगठन मजबूत करने की कवायद से जुड़े मुद्दों का है, लेकिन केंद्र बिंदु मोदी बने हुए हैं। माना जा रहा है कि राजनाथ सिंह मोदी को चुनाव अभियान समिति की कमान सौंपने का मन बना चुके हैं, लेकिन विरोधी खेमा यह तर्क दे रहा है कि पार्टी और राजग गठबंधन के अंदर बिखरे माहौल को देखते हुए फिलहाल कोई घोषणा उचित नहीं होगी। इस खेमे का संकेत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शिवसेना की ओर है।

    ऐसे में निगाहें राजनाथ पर हैं कि वह क्या फैसला करते हैं, खासतौर पर तब जब मोदी को चुनाव समिति की कमान सौंपने की दशा में आडवाणी अलग से एक प्रबंधन समिति बनाने की शर्त रख चुके हैं। अगर आडवाणी गोवा नहीं पहुंचते तो कोई बड़ा फैसला लेना मुश्किल होगा। यदि वह पहुंचते हैं तो राजनाथ और कुछ दूसरे वरिष्ठ नेता उन्हें यह समझाने की कोशिश कर सकते हैं कि फिलहाल प्रबंधन समिति बनाने से पार्टी के अंदर और असमंजस पैदा हो सकता है।

    आडवाणी पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी को प्रबंधन समिति की कमान देना चाहते थे जो खुद इससे मना कर चुके हैं। गौरतलब है कि ठीक एक साल पहले मुंबई कार्यकारिणी के पहले दिन मोदी बैठक से गैरमौजूद थे। इस बार उनकी जगह आडवाणी ने ले ली है।

    भाजपा में अंदरूनी उठापटक की छाया शुक्रवार की बैठक पर भी पड़ी, जो समय से करीब डेढ़ घंटे देर से शुरू हुई। इस बैठक से उमा भारती, यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा अनुपस्थित रहे। मोदी के बारे में जो भी फैसला हो, शुक्रवार को पणजी में पूरा माहौल मोदी के पक्ष में दिखा। भाजपा उपाध्यक्ष और गोवा की प्रभारी स्मृति ईरानी ने परोक्ष रूप से मोदी का गुणगान करते हुए कहा कि पार्टी जनभावना से परिचित है। महासचिव धर्मेंद्र प्रधान ने मोदी को सबसे मजबूत कमांडो बताया।

    जब एक सदस्य अनिल जैन ने सीधे तौर पर मोदी को कमान देने की मांग की तो जबाव में राजनाथ ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी और जनता की भावनाओं को ध्यान में रखकर ही पार्टी फैसला करेगी। गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर पहले ही कह चुके हैं कि मोदी में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने की क्षमता है। शनिवार को कार्यकारिणी में एक दर्जन से ज्यादा सदस्य खुले तौर पर मोदी के नेतृत्व की मांग कर सकते हैं। कुछ इसका विरोध भी कर सकते हैं, लेकिन इससे किसी का इन्कार नहीं है कि दबाव बहुत ज्यादा है और बड़ा खेमा मोदी समर्थकों का है।

    केंद्र को घेरने की तैयारी में भाजपा

    नई दिल्ली [विशेष संवाददाता]। भ्रष्टाचार और महंगाई के कठघरे में कांग्रेस को घेरती रही भाजपा अब आंतरिक और बाह्य सुरक्षा पर भी सरकार से सवाल पूछेगी। गोवा में हो रही कार्यकारिणी में राजनीतिक प्रस्ताव के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वाभिमान पर भी प्रस्ताव लाया जाएगा। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने नक्सल मुद्दे पर सरकार और कांग्रेस से सवाल पूछा।

    उन्होंने कहा कि इसी कांग्रेस के कुछ नेता नक्सलियों को भाई कहते नहीं थकते हैं, जबकि जरूरत कठोर कार्रवाई की है। त्रिवेदी ने कहा कि दो दिवसीय बैठक में सरकार के भ्रष्टाचार और गलत नीतियों पर भी चर्चा होगी। साथ ही इसे उजागर करने की रणनीति तय की जाएगी। अगले कुछ महीनों में चुनाव में जा रहे चच्यों पर विशेष चर्चा होगी, जबकि लोकसभा चुनाव के लिहाज से पूरे देश में चल रहे कार्यक्रमों की समीक्षा होगी।

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