'आप' को समर्थन दिया है तो हमें चिंता करने दें: लवली
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनकी सरकार को समर्थन दे रही कांग्रेस पर यह कह कर हमला बोला है कि कांग्रेस उन्हें समर्थन देकर पछताएगी। सूबे के कांग्रेसी नेताओं में उनके इस बयान को लेकर खासी नाराजगी देखी जा रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली का कहना है कि केजरीवाल को बहानेबाजी छोड़, जनता से किए अपने वायदे पूरे
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनकी सरकार को समर्थन दे रही कांग्रेस पर यह कह कर हमला बोला है कि कांग्रेस उन्हें समर्थन देकर पछताएगी। सूबे के कांग्रेसी नेताओं में उनके इस बयान को लेकर खासी नाराजगी देखी जा रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली का कहना है कि केजरीवाल को बहानेबाजी छोड़, जनता से किए अपने वायदे पूरे करने चाहिए। कांग्रेस ने उनकी सरकार को दिया अपना समर्थन जारी रखेगी। प्रमुख संवाददाता अजय पांडेय ने लवली से इस पूरे मामले पर विस्तार से बात की।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि कांग्रेस उन्हें समर्थन देकर पछताएगी। उनके इस बयान का क्या मतलब है?
बड़ी अजीबोगरीब स्थिति है। हमने समर्थन दिया है तो इसकी चिंता हमें होनी चाहिए कि हमें पछताना पड़ेगा या नहीं पछताना पड़ेगा। उन्हें इस बात की चिंता क्यों सता रही है कि कांग्रेस का क्या होगा? उन्हें अपने बारे में सोचना चाहिए। हम अपने बारे में सोचने-समझने के काबिल हैं, लिहाजा उनकी नसीहत हमें नहीं चाहिए।
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क्या मुख्यमंत्री के इस बयान के बावजूद कांग्रेस का समर्थन जारी रहेगा?
बिल्कुल जारी रहेगा। मेरा तो यह कहना है कि मुख्यमंत्री बहानेबाजी छोड़ें और उन्होंने और उनकी सरकार ने जनता से जो चुनावी वायदे किए थे उन्हें पूरा करें। कांग्रेस ने उनकी सरकार को इसीलिए समर्थन दिया है ताकि जनता ने जो उम्मीदें इस सरकार से लगा रखी हैं, उन्हें पूरा किया जा सके। हमें जनता की फिक्र है और ऐसे किसी भी बयान के बावजूद कांग्रेस जनता के हक में अपना समर्थन जारी रखेगी।
राज्य सरकार के मंत्रियों द्वारा सीधी कार्रवाई करने के मामले में आप क्या कहना चाहेंगे?
ऐसा लगता है, मानो अंग्रेजी हुकूमत दिल्ली में काम कर रही हो। ना अपील, ना दलील, ना वकील। मैं तो कहता हूं कि इस सरकार को देश से और पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय से माफी मांगनी चाहिए। इसने दुनिया भर में हमें शर्मसार किया है। हमारा देश महात्मा गांधी का देश है जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका में जाकर रंगभेद के खिलाफ लड़ाई लड़ी। यहां आलम यह है कि आम आदमी पार्टी की सरकार के मंत्रियों की हरकतों की वजह से हमारा सिर शर्म से झुका है। रंगभेद का मामला भारत की राजधानी में सामने आ रहा है। इससे ज्यादा शर्मनाक स्थिति और क्या हो सकती है।
लोकसभा चुनाव सामने हैं। कांग्रेस टिकटों के बंटवारे में क्या रणनीति अपनाने वाली है?
देखिए, दिल्ली की नई चुनाव समिति का गठन हो गया है और बहुत जल्द ही इसकी बैठक भी बुलाई जाएगी। वहीं हम पूरे जोरशोर से लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। चुनाव समिति की बैठक के दौरान ही हम अपने उम्मीदवारों और चुनावी रणनीति पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
निलंबन के मुद्दे पर मुख्यमंत्री गृह मंत्रालय के सामने धरना देने की तैयारी में हैं। क्या आप इसे केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच का टकराव मानते हैं?
यह सवाल पूछने पर लवली ने कहा कि यह बड़ा ही गंभीर विषय है। हम भी सरकार में रहे हैं और दिल्ली की हुकूमत चलाई है। लिहाजा अपने अनुभव के आधार पर कह सकता हूं कि एक मंत्री होने के नाते अपनी ही सरकार के किसी अन्य विभाग के अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले अपने सचिव से इस बारे में बात करनी होती है। उन्हें निर्देश देना होता है कि आप इस प्रकार की कार्रवाई करें। लेकिन यहां तो दिल्ली सरकार दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कर रही है जो उसके दायरे में नहीं आते। यह कोई तालिबान की व्यवस्था थोड़े ही है।
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