रच गया इतिहास, पहला महिला पायलट बैच IAF लड़ाकू दस्ते में शामिल
आज हैदराबाद के डुंडिगल एयरफोर्स एकेडमी में पासिंग आउट परेड के दौरान रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने लड़ाकू महिला पायलट को स्थायी कमीशन दे दिया।
नई दिल्ली। देश में उस वक्त शनिवार को एक नया इतिहास रचा गया जब शनिवार को रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने डुंडिगल में एयरफोर्स एकेडमी परेड के दौरान पहले लड़ाकू महिला पायलटों को कमीशन दिया गया। इस अवसर पर रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने देश के पहले लड़ाकू महिला पायलटों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत के पास सुरक्षा शक्ति इतनी मजबूत है कि कुछ देश भारत से आकाश और ब्रह्मोस मिसाइल खरीदना चाहते हैं।
इस अवसर पर बोलते हुए लड़ाकू महिला पायलट अवनी चतुर्वेदी ने कहा है यह उसके लिए गर्व की बात है।। हमारे सभी प्रशिक्षकों को रवैया बहुत ही सकारात्मक रहा।
मध्य प्रदेश के सतना की रहनेवाली अवनी चतुर्वेदी, राजस्थान के झूंझनू की मोहना सिंह और बिहार के दरभंगा की भावना काथ इस सभी की उम्र करीब 20 साल है, जिसने वायुसेना के इतिहास में एक नया अध्याय लिख दिया है। क्योंकि, भारतीय वायुसेना के लड़ाकू दस्ते में महिलाओं को शामिल किए जाने को लेकर काफी लंबे समय से विरोध किया जा रहा था।
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दिल्ली के एयरफोर्स स्कूल से अध्ययन करने वाली मोहना सिंह के पिता भी भारतीय वायुसेना में है। भावना ने एमएस कॉलेज बैंगलूरू से.बी.ई. इलेक्ट्रिल और अवनी चतुर्वेदी ने राजस्थान के टॉक जिले में वनस्थली विद्यापीठ से कंम्प्यूटर साइंस की डिग्री हासिल की है।
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अवनी चतुर्वेदी, भावना कांथ और मोहना सिंह ने मार्च में ही लड़ाकू विमान उड़ाने की योग्यता हासिल कर ली थी। इसके बाद उन्हें युद्धक विमान उड़ाने का गहन प्रशिक्षण दिया गया।
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