देश की पहली फाइटर पायलट बनने जा रहीं भावना कंठ, जानिए उनकी ये खास बातें...
बिहार की भावना कंठ देश उन तीन महिला पायलटों में शामिल हैं, जो शनिवार से वायुसेना के फाइटर प्लेन उड़ाने के लिए कमीशंड हो जाएंगी। भावना के लिए यह एक बड़े सपने का पूरा होना है।
पटना [अमित आलोक]। भारतीय वायुसेना के इतिहास में यह ऐतिहासिक दिन होगा। दुश्मनों पर हवा में कहर बनकर टूटने के लिए तैयार देश की तीन आज शनिवार को औपचारिक रूप से वायुसेना में कमीशंड हो जाएंगी। इनमें बिहार की बेटी भावना कंठ भी शामिल हैं।
दरभंगा जिला अंतर्गत घनश्यामपुर प्रखंड के बाउर गांव की मूल निवासी भावना कंठ हैदराबाद स्थित एयरक्राफ्ट एकेडमी में फाइटर प्लेन उड़ाने का प्रशिक्षण लेने के बाद 18 जून को वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में शामिल हो रही हैं। भावना कहती हैं, "बचपन से ही आसमान में उड़ने का सपना देखती थी। हमेशा से चिड़ियों की तरह उड़ना चाहती थी। अब यह सपना पूरा होने जा रहा है।"
बेगूसराय से 10वीं, बेंगलुरु से बीटेक
भावना ने अपनी 10वीं तक की स्कूली शिक्षा बेगूसराय जिला अंतर्गत बरौनी रिफाइनरी के डीएवी स्कूल से पूरी की। वे बताती हैं कि 10वीं के बाद कोटा के विद्या मंदिर स्कूल में दाखिला लिया। साथ में इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के लिए कोचिंग भी ली। कठिन मेहनत का सुफल रहा कि बेंगलुरु के बीएमएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में बी.टेक. (इलेक्ट्रॉनिक्स) के लिए चयन हो गया।
फाइटर पायलट का प्रशिक्षण
बी.टेक. करने के बाद 2014 में भावना को वायुसेना में शॉर्ट सर्विस कमीशन मिला। फिर, वे पायलट प्रशिक्षण के लिए चुन ली गईं। भावना के लिए यह किसी बड़े सपने का पूरा होने का दिन था। इसके बाद कठिन प्रशिक्षण का दौर चला। अब वे उन तीन महिला पायलट्स में शामिल हो रही हैं, जिन्हें पहली बार वायुसेना का फाइटर प्लेन को उड़ाने का मौका मिलेगा। उनके साथ अवनी चतुर्वेदी (मध्य प्रदेश) और मोहना सिंह (गुजरात) को भी वायुसेना में कमीशन मिलेगा।
पिता को नाज, भाई-बहन के लिए रोल मॉडल
भावना के पिता तेज नारायण कंठ को अपनी बेटी पर नाज है। कहते हैं, "उसने यह सफलता हासिल कर देश व बिहार का मान बढ़ाया है।" भावना का छोटा भाई नीलांबर कंठ उत्तराखंड इंजीनियरिंग कॉलेज में है तो छोटी बहन तनुजा कंठ डीवाइ पाटिल इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक कर रही है। दानों 'दीदी' को अपना रोल मॉडल बताते हैं।
तेजस में उड़ान भरे भावना
दरभंगा के बाउर गांव (भावना के पैतृक गांव) निवासी और लाइट काम्बैट एयरक्राफ्ट 'तेजस' के निर्माण से जुड़े वैज्ञानिकों में से एक डॉ. मानस बिहारी वर्मा की इच्छा है कि भावना 'तेजस' में उड़ान भरे। भावना की उपलब्धियों पर गर्व प्रकट करते हुए वे कहते हैं कि दुश्मन के छक्के छुड़ाने के लिए तेजस को उड़ाने के लिए भावना फिट है।
अभी तक केवल हेलिकॉप्टर व ट्रांसपोर्ट प्लेन उड़ातीं रही हैं महिलाएं
विदित हो कि भारतीय वायुसेना में करीब 1500 महिलाएं हैं। वे अलग-अलग विभागों में काम कर रही हैं। महिलाएं 1991 से ही हेलिकॉप्टर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट उड़ा रही हैं, लेकिन फाइटर प्लेन से उन्हें दूर रखा गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने महिलाओं को फाइटर एयरक्राफ्ट के कॉकपिट में भी जगह देने का फैसला किया था।
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भावना के साथ फाइटर प्लेन उड़ाने की ट्रेनिंग ले रहीं अवनी चतुर्वेदी और मोहना सिंह भी 18 जून को वायुसेना में कमीशंड हो रही हैं। आइए जाने, उनके बारे में भी...
'लाइव ऑपरेशन' करना चाहतीं अवनी
मध्यप्रदेश की अवनी चतुर्वेदी ने कम्प्यूटर साइंस से बी.टेक. किया है। बचपन से ही उन्हें सेना में जाने की इच्छा थी। अवनी कहती हैं कि उनका सपना बढ़िया फाइटर पायलट बनने का है। वे लाइव ऑपरेशन के दौरान उड़ान भरना चाहती हैं। कहती हैं, "सबसे अच्छ फाइटर एयरक्राफ्ट उड़ाना चाहती हूं। रोज कुछ न कुछ सीख रही हूं।"
परिवार की परंपरा आगे बढ़ाएंगी मोहना
फाइटर प्लेन उड़ाने की ट्रेनिंग ले रहीं मोहना सिंह गुजरात के वडोदरा की रहने वाली हैं। उनके पिता भी वायुसेना में हैं। मां शिक्षक हैं। मोहना अपने परिवार की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए देश की सेवा करना चाहती हैं।
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