आतंकियों को पुलवामा तक लाने वाले ड्राइवर की हुई पहचान
पुलवामा हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों को वहां तक लाने वाले ड्राइवर की पहचान कर ली गई है। पुलिस उसकी तलाश में जुट गई है।
श्रीनगर (पीटीआई)। सुरक्षा एजेंसियों ने उस वाहन चालक की पहचान कर ली है जो सीआरपीएफ की एक बस पर घात लगा कर हमला करने वाले आतंकवादियों को अपनी गाड़ी से ले गया था। इस हमले में आठ जवान मारे गए थे। वहीं, एक जांच में इस बात का जिक्र किया गया है कि पिछले महीने की शुरुआत में गुलमर्ग की ऊंचाई वाले स्थानों के जरिए लश्कर ए तैयबा के हमलावरों ने कश्मीर घाटी में घुसपैठ की थी।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक चालक लश्कर ए तैयबा के चार आतंकियों को चार दिन पहले यहां से 57 किलोमीटर दूर स्थित बाबा रेशी से ले गया था और उन्हें दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिला में एक सुरक्षित मकान में रखा था। 25 जून को पम्पोर में हुए घातक हमले से चार दिन पहले यह किया गया था। हालांकि हमले के दिन से चालक भूमिगत हो गया था। उसे स्थानीय पुलिस आतंकवादी संगठन का ‘ओवर ग्राउंड वर्कर’ मान रही थी लेकिन उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई क्योंकि अब तक उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं था। सुरक्षा एजेंसियां अब चालक को पकड़ने के बहुत करीब हैं।
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अब तक सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जुटाए गए साक्ष्यों को एक दूसरे से जोड़ते हुए उन्होंने कहा कि चार फिदायीन आतंकियों ने उत्तर कश्मीर में गुलमर्ग के ऊंचाई वाले स्थानों के जरिए घुसपैठ की थी और वाहन से दक्षिण कश्मीर पहुंचा था। शुरुआत में चार आतंकवादियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग की टोह ली और हमला स्थल का चयन किया जो इंटरप्रेन्यरशिप डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (ईडीआई) से महज तीन किलोमीटर दूर है। यहां लश्कर ए तैयबा ने सेना के दो अधिकारियों और तीन अन्य सैनिकों की इस साल फरवरी में गोली मार कर हत्या कर दी थी।
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पम्पोर हमले के बाद पुलवामा में कई स्थानों पर छापा मारा गया जिस दौरान सुरक्षा एजेंसियों ने यह सूचना जुटाई कि हमले के पीछे चार फिदायीनों का एक समूह था। चार आतंकवादियों में दो लोग हमले के दौरान सीआरपीएफ की त्वरित प्रतिक्रिया टीम (क्यूआटी) की कार्रवाई में मारे गए जबकि तीसरा 30 जून को पुलवामा जिला के मलवारी नेवा गांव में एक मुठभेड़ में मारा गया।
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सूत्रों ने बताया कि दो फिदायिनों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है जबकि नेवा गांव में मारे गए तीसरे फिदायीन की पहचान अबू अयान के रूप में की गई है। उन्होंने बताया कि समूह में शामिल चौथे आतंकी के शोपियां और कुलगाम इलाका में भाग जाने की बात समझी जा रही है जहां घने जंगल हैं। पम्पोर में हुए हमले के पीछे फिदायिनों ने एक ऐसा स्थान चुना जहां वे एक किनारे के रास्ते से बच निकल सकें और भीड़ भाड़ वाली गलियों से होते हुए वे त्राल इलाके में गए होंगे।
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