डौंडियाखेड़ा: खजाना दूर, मिला खंभा और खपरैल
डौंडियाखेड़ा के किला परिसर में खजाना निकलने का इंतजार एक माह से भी ज्यादा लंबा खिंच सकता है। जीएसआइ (जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) की रिपोर्ट के अनुसार जमीन से नीचे पांच से 20 मीटर गहराई तक खोदाई की जानी है। जाहिर है इस रफ्तार से 30 अक्टूबर तक पांच मीटर, जबकि 53 दिन में 20 मीटर खोदाई हो पाएगी। चौथे दिन सोमवार को साढ़े तीन घंटे तक 48 सेमी खोदाई के बाद एक खंभा जैसा हिस्सा दिखा है। इसके साथ ही खपरैल और टूटी चूड़ियां भी मिली हैं। यहां अ
जागरण संवाददाता, उन्नाव। डौंडियाखेड़ा के किला परिसर में खजाना निकलने का इंतजार एक माह से भी ज्यादा लंबा खिंच सकता है। जीएसआइ की रिपोर्ट के अनुसार जमीन से नीचे पांच से 20 मीटर गहराई तक खोदाई की जानी है। जाहिर है इस रफ्तार से 30 अक्टूबर तक पांच मीटर, जबकि 53 दिन में 20 मीटर खोदाई हो पाएगी। चौथे दिन सोमवार को साढ़े तीन घंटे तक 48 सेमी खोदाई के बाद एक खंभा जैसा हिस्सा दिखा है। इसके साथ ही खपरैल और टूटी चूड़ियां भी मिली हैं। यहां अब तक कुल खोदाई डेढ़ मीटर हो चुकी है।
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भूजल स्तर पर रुक जाएगी खोदाई
जीएसआइ ने भले ही पांच से 20 मीटर की गहराई में धातु होने की संभावना जताई हो, लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक खोदाई पूरी की जाए, यह जरूरी नहीं। एएसआइ के अनुसार डौंडियाखेड़ा गंगा का किनारा है। ऐसे में जमीन के नीचे जिस भी गहराई पर भूजल स्तर मिलेगा, खोदाई वहीं रोक दी जाएगी। फिर चाहे 20 मीटर की गहराई तक पहुंच पाएं अथवा नहीं।
9 साल से है उन्नाव के किले में खजाने की खनक
15 फुट के बाद दिखेगा चमत्कार
संत शोभन सरकार सोमवार को गंगा किनारे बक्सर स्थित आश्रम पहुंचे और भक्तों से मिले। उन्होंने कहा कि चार दिन की खोदाई में दीवार, खपरैल मिलने लगे हैं। करीब 15 फुट खोदाई होने तक इंतजार करना पड़ेगा। उसके बाद होने वाले चमत्कार से हर किसी को सब जवाब मिल जाएंगे।
छंटने लगी भीड़
खोदाई में लग रहे अधिक समय के कारण यहां खजाने की उत्सुकता में जुट रही भीड़ छंटने लगी है। माहौल में रोमांच घटने लगा है। बैरीकेडिंग के साथ किले की कड़ी चौकसी के चलते कोई आसपास तक नहीं पहुंच पा रहा। पुलिस एवं पीएसी की बटालियन किले के चारो ओर मुस्तैद है। देशभर से आया मीडिया भी अब लौटने लगा है। खासतौर से इलेक्ट्रानिक मीडिया की ज्यादातर ओबी वैन लौट चुकी हैं।
'सारे विवाद की जड़ मीडिया'
सपने के आधार पर खजाने की खोज पर नरेंद्र मोदी की टिप्पणी से उठे विवाद के बाद शोभन सरकार के आश्रम की ओर से सोमवार को एक और चिट्ठी जारी की गई है। ऊं श्री शोभन आश्रम, कानपुर देहात से जारी यह चिट्ठी मीडिया के लिए है। इसमें सारे विवाद की जड़ मीडिया को ठहराया गया है। चिट्ठी में स्वामी ओम बाबा ने मीडिया से अनुरोध किया है कि उन्नाव, फतेहपुर और कानपुर में भूगर्भ में खजाने की जांच जीएसआइ से कराने के लिए जो प्रार्थनापत्र पहले दिन से आज तक विभिन्न शासकीय एजेंसियों को भेजे हैं, उनमें सपने का जिक्र नहीं है। अत: मीडिया मनगढंत बातों को बढ़ावा न दे।
नहीं है सोने का भंडार
बैरकपुर। राजा रावराम बख्श सिंह की एक वंशज पश्चिम बंगाल में भी है। बैरकपुर जिले में रहने वाली रेखा देवी का दावा है कि वह राजा के वंशज स्वर्गीय अयोध्या सिंह की बेटी हैं। उनका यह भी कहना है कि खोदाई में किसी बड़े स्वर्ण भंडार के मिलने की संभावना नहीं है। उनके मुताबिक पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली आ रही पारिवारिक गाथा में उक्त खजाने के संबंध में कभी कोई उल्लेख सामने नहीं आया।
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