उरी और हंदवाड़ा हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा का हाथ, मारे गए थे कई जवान
आतंकवादियों ने पिछले साल अक्टूबर में हंदवाड़ा के लंगाते में 30 राष्ट्रीय राइफल्स के शिविर पर हमला किया था।
नई दिल्ली, जेएनएन। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को दावा किया है कि जम्मू-कश्मीर के उरी और हंदवाड़ा में सेना चौकियों पर आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ था।
एनआइए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हंदवाड़ा में सेना के शिविर पर हमले में शामिल चार आतंकवादियों में से तीन को सेना ने मार गिराया था वहीं एक भागने में कामयाब रहा था।
आतंकवादियों ने पिछले साल अक्टूबर में हंदवाड़ा के लंगाते में 30 राष्ट्रीय राइफल्स के शिविर पर हमला किया था। तीन हमलावरों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया था, जबकि एक भाग निकला था। भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने सितंबर में उरी सेक्टर में सेना बेस पर धावा बोल दिया और 18 सैनिकों को मार डाला था।
उड़ी और हंदवाड़ा दोनों ही हमलों के पीछे लश्कर की भूमिका के संकेत मिले हैं।
इसके पहले यह दावा किया जा रहा था कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद इन हमलों के पीछे था। एनआइए इन हमलों में दोनों ही आतंकी संगठनों की भूमिका को लेकर जांच कर रही है। सेना के अधिकारी ने बताया कि उड़ी हमले की जांच जल्द ही रफ्तार पकड़ेगी। सीमा पार से हो रही गोलीबारी के कारण एनआइए के अधिकारी उन जगहों पर नहीं पहुंच पा रहे जहां से जांच में मिले सुराग की सत्यता साबित हो सकेगी।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों की एक टीम द्वारा उस स्थान का दौरा करने की संभावना बन रही है, जहां से उड़ी हमले के आतंकियों ने प्रवेश किया था। हंदवाड़ा हमले के बारे में अधिकारी ने बताया कि जांच एजेंसी को इस घटना से जुड़े सैमसंग और हुवैयी कंपनियों के सेल फोन बरामद हुए हैं। ये फोन बिना सिम के काम करते हैं। बरामद हुए फोन नवीनतम प्रौद्योगिकी के हैं। एनआइए ने दोनों फोन के बारे में कंपनियों से विवरण मांगा है। वहीं हुवैयी कंपनी ने जानकारी दि है कि फोन पाकिस्तान के लिए भेजा गया था। अधिकारी ने कहा फोन के बारे में पाकिस्तान से जवाब का इंतजार है।
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