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    रेल हादसे के पीछे आइएसआइ का हाथ होने से सकते में सुरक्षा एजेंसियां

    By Sanjeev TiwariEdited By:
    Updated: Thu, 19 Jan 2017 04:22 AM (IST)

    मोतीहारी पुलिस के खुलासे के बाद अब देश की सभी आतंकरोधी एजेंसियां इसकी पड़ताल में जुट गई हैं और उनके अधिकारी मोतीहारी की तरफ दौड़ पड़े हैं।

    रेल हादसे के पीछे आइएसआइ का हाथ होने से सकते में सुरक्षा एजेंसियां

    नई दिल्ली[नीलू रंजन]। कानपुर रेल हादसे के पीछे आइएसआइ का हाथ होने के खुलासे से देश की सुरक्षा एजेंसियां सकते में हैं। इंडियन मुजाहिदीन, अलकायदा, एसआइएसआइ जैसे आतंकी संगठनों की गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण करने में सफल रहीं एजेंसियों को आइएसआइ के इस कारनामे की कोई भनक तक नहीं थी।

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    मोतीहारी पुलिस के खुलासे के बाद अब देश की सभी आतंकरोधी एजेंसियां इसकी पड़ताल में जुट गई हैं और उनके अधिकारी मोतीहारी की तरफ दौड़ पड़े हैं। यहां तक कि रॉ को दुबई और नेपाल में आइएसआइ की गतिविधियों पर खुफिया रिपोर्ट देने को कह दिया गया है।

    सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्वीकार किया कि उनके लिए अभी तक यह विश्वास करना मुश्किल है कि डेढ़ सौ लोगों की जान लेने वाले ट्रेन हादसे को आइएसआइ ने अपराधियों की मदद से अंजाम दिया था। लेकिन मोतीहारी पुलिस का काम इतना पुख्ता है कि उस पर अविश्वास नहीं किया जा सकता है। सच्चाई की तह तक पहुंचने और आइएसआइ की नई चाल का पता लगाने के लिए रॉ और खुफिया ब्यूरो के अधिकारी मोतीहारी रवाना हो चुके हैं। गृहमंत्रालय ने भी आतंकी वारदातों की जांच करने वाली एजेंसी एनआइए के दो अधिकारियों को मोतीहारी भेज दिया है। इसके साथ ही दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल और उत्तरप्रदेश की एटीएस समेत देश भर की आतंकीरोधी एजेंसियों के अधिकारी मोतीहारी पहुंच रहे हैं।

    एजेंसियों की कोशिश मोतीहारी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये गए आरोपियों से पूछताछ कर आइएसआइ की नई साजिश की सच्चाई का पता लगाने की है और यदि यह सच निकलता है, तो फिर इसे रोकने की नई रणनीति बनानी होगी। छुटभैया अपराधियों को बड़ी रकम का लालच देकर आतंकी हमले को अंजाम देने की साजिश यदि कामयाब होती है, तो भारतीय एजेंसियों के इससे निपटना आसान नहीं होगा।

    इसके साथ ही मोतीहारी पुलिस का खुलासा नेपाल में आइएसआइ की बढ़ती गतिविधियों का संकेत भी है। भारतीय एजेंसियां दशकों की मेहनत के बाद नेपाल से आइएसआइ को जाल को खत्म करने में सफल रही थी। लेकिन आरोपियों के अनुसार रेल ट्रैक को विस्फोटक से उड़ाने के लिए दुबई में रहने वाले नेपाली एजेंट ने लाखों रुपये दिए थे। यही कारण है कि केंद्र सरकार ने रॉ को नेपाल और दुबई में आइएसआइ की गतिविधियों पर विस्तृत खुफिया रिपोर्ट देने को कहा गया है।

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