पूर्वी उप्र में अपना दल मजबूत करेगा भाजपा की जमीन
भाजपा के मिशन 2014 का केंद्रबिंदु बने उत्तर प्रदेश में पार्टी ने हर छोटी बड़ी गोटी सजानी शुरू कर दी है। विकास जहां मुख्य मुद्दा है वहीं जातिगत समीकरण के लिहाज से छोटे छोटे दलों को भी साधा जा रहा है। चुनावी लिहाज से अहम एक जाति विशेष में प्रभाव रखने वाले 'अपना दल' को पाले में लाने की कोशिश परवान चढ़
नई दिल्ली, [आशुतोष झा]। भाजपा के मिशन 2014 का केंद्रबिंदु बने उत्तर प्रदेश में पार्टी ने हर छोटी बड़ी गोटी सजानी शुरू कर दी है। विकास जहां मुख्य मुद्दा है वहीं जातिगत समीकरण के लिहाज से छोटे छोटे दलों को भी साधा जा रहा है। चुनावी लिहाज से अहम एक जाति विशेष में प्रभाव रखने वाले 'अपना दल' को पाले में लाने की कोशिश परवान चढ़ चुकी है। माना जा रहा है कि उसे भाजपा में शामिल कराकर पार्टी वाराणसी और इलाहाबाद के आस पास जीत का फामरूला तैयार करने में जुटी है।
आगामी दो मार्च को लखनऊ में नरेंद्र मोदी की रैली के साथ ही उत्तर प्रदेश में पार्टी चुनावी प्रचार का आधार तैयार कर देगी। राज्य में यह उनकी आठवीं रैली होगी। निचले स्तर पर प्रदेश प्रभारी अमित शाह ने भी तारों को कसना शुरू कर दिया है। सूत्रों के अनुसार अपना दल के रूप में उन्होंने एक अहम साथी को तैयार कर लिया है।
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चुनावी जमीन तैयार करने में जुटे सत्यपाल सिंह
अपना दल की महासचिव अनुप्रिया पटेल ने 'दैनिक जागरण' से बातचीत में हालांकि फिलहाल किसी गठबंधन या भाजपा में शामिल होने पर हामी नहीं भरी। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं से उनकी अनौपचारिक मुलाकात होती रहती है। लेकिन सूत्रों की मानी जाए तो पहले पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह और मंगलवार को अमित शाह से मुलाकात में इसका खाका तैयार हो रहा है
पेच सिर्फ एक है। पटेल राजग में शामिल होना चाहती है तो शाह अपना दल का ही भाजपा में विलय कराना चाहते हैं। बदले में पटेल को मीरजापुर सीट देने का प्रस्ताव है। सूत्रों के अनुसार अपना दल मोदी के भाषणों में सामाजिक न्याय की बात का हवाला देकर दोस्ती के लिए तैयार है। राजग या भाजपा में शामिल होने को लेकर अभी थोड़ी खींचतान चल रही है
ध्यान रहे कि इस पूरे क्षेत्र में कुर्मी समुदाय का वोट आठ फीसद है। चुनावी इतिहास गवाह रहा है कि अपना दल वोट स्थानांतरित करवाने में भी सफल रहा है।
इससे पहले आइपीएस सत्यपाल सिंह को भाजपा में शामिल कराकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए पार्टी ने सत्यपाल मलिक के बाद दूसरा चेहरा भी ढूंढ लिया है।
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