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    अपना दल की सेंधमारी बड़े दलों के लिए चुनौती

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    Updated: Wed, 22 Jan 2014 07:36 AM (IST)

    अपना दल संस्थापक डा. सोने लाल पटेल अब नहीं हैं लेकिन उनकी पार्टी इस बार भी इलाहाबाद, वाराणसी और आसपास के आधा दर्जन संसदीय क्षेत्रों में उलटफेर की तैयारी में है। इसके मद्देनजर दल की अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने अपने वोटों को संजोने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। त्रिस्तरीय आरक्षण के मुद्दे पर दल के रुख ने

    इलाहाबाद [हरिशंकर मिश्र]। अपना दल संस्थापक डा. सोने लाल पटेल अब नहीं हैं लेकिन उनकी पार्टी इस बार भी इलाहाबाद, वाराणसी और आसपास के आधा दर्जन संसदीय क्षेत्रों में उलटफेर की तैयारी में है। इसके मद्देनजर दल की अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने अपने वोटों को संजोने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। त्रिस्तरीय आरक्षण के मुद्दे पर दल के रुख ने उन्हें कुछ और पिछड़ी जातियों के करीब किया है। अगले महीने तेरह फरवरी से इलाहाबाद से शुरू हो रही आरक्षण बचाओ रथयात्रा में अपना दल इस मुद्दे को और भी हवा देने जा रहा है।

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    इलाहाबाद, जौनपुर, बनारस, चंदौली, भदोही, फूलपुर जैसे कई क्षेत्रों में अपना दल के पास पटेल वोटों का एकमुश्त जखीरा है। इन क्षेत्रों में किसी भी चुनाव का समीकरण बिगाड़ने में ये वोट अहम साबित होते रहे हैं। अपना दल के क्षेत्रीय महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीते चुनाव में फूलपुर संसदीय क्षेत्र में सिंबल न होने के बावजूद सोने लाल पटेल ने 76 हजार वोट हासिल कर सपा के सारे समीकरण ध्वस्त कर दिए थे और बसपा के हाथ बाजी चली गई थी। कमोबेश ऐसी ही स्थिति भदोही और वाराणसी, मछली शहर आदि संसदीय क्षेत्रों की भी रही थी, जहां परिणाम तय करने में इस दल के प्रत्याशियों की भूमिका अहम साबित हुई। माना जाता है कि गंगा पंट्टी के लगभग एक दर्जन क्षेत्रों के तेरह फीसद मतों को अपने हिसाब से घुमाने की क्षमता इस दल में है।

    इस बार अपना दल त्रिस्तरीय आरक्षण के मुद्दे पर अति पिछड़ों में अपना दायरा बढ़ाने की तैयारी में है। पार्टी की विधायक और महासचिव इस मुद्दे पर इलाहाबाद में गिरफ्तारी भी दे चुकी हैं और तेरह फरवरी से शुरू हो रही रथयात्रा में अध्यक्ष कृष्णा पटेल इसे और उभारेंगी। रथयात्रा के लिए उन्हीं जिलों को चुना गया है जो पिछड़ा बहुल माने जाते हैं। इनमें सोनभद्र, राब‌र्ट्सगंज, जौनपुर, प्रतापगढ़ आदि मुख्य हैं। इस मुद्दे पर युवाओं का अच्छा खासा सहयोग पहले से हासिल कर चुके अपना दल को उम्मीद है कि वह अपने वोट प्रतिशत में इस बार और इजाफा कर सकेगी। इसके लिए खुद अनुप्रिया पटेल भी किसी क्षेत्र से लड़ सकती हैं।

    पिछले चुनाव में अपना दल प्रत्याशियों को मिले मत

    वाराणसी विजय प्रकाश जायसवाल 66000

    फूलपुर सोने लाल पटेल 76000

    प्रतापगढ़ अतीक अहमद 108000

    मछली शहर रामचरित्र निषाद 97000

    मीरजापुर जगदीश पटेल 56000

    राब‌र्ट्सगंज रमेश बागी 47000

    भदोही रामरती बिंद 83000

    इलाहाबाद बिहारी लाल शर्मा 22000

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