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    यूपी में मुस्लिम मंत्रियों की फौज बेअसर

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    Updated: Tue, 21 Jan 2014 02:09 PM (IST)

    मिशन दिल्ली की तैयारी में जुटी समाजवादी पार्टी मुसलमानों के बड़े तबके की नाराजगी के संकेतों से खासी बेचैन है। पार्टी ने जिन 10 मुस्लिम विधायकों को राज्य मंत्रिमंडल में स्थान दिया है, उनकी कोशिशें इस तबके पर परवान नहीं चढ़ रही हैं। सपा सरकार में 20 मुस्लिमों को राज्यमंत्री का दर्जा देकर लालबत्ती से नवाजने से भ

    [परवेज अहमद], लखनऊ। मिशन दिल्ली की तैयारी में जुटी समाजवादी पार्टी मुसलमानों के बड़े तबके की नाराजगी के संकेतों से खासी बेचैन है। पार्टी ने जिन 10 मुस्लिम विधायकों को राज्य मंत्रिमंडल में स्थान दिया है, उनकी कोशिशें इस तबके पर परवान नहीं चढ़ रही हैं। सपा सरकार में 20 मुस्लिमों को राज्यमंत्री का दर्जा देकर लालबत्ती से नवाजने से भी बात नहीं बन रही है।

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    विधानसभा चुनाव में मुसलमानों का बड़ा तबका समाजवादी पार्टी के पक्ष में नजर आया था। पार्टी नेतृत्व ने तीन कैबिनेट और सात राज्यमंत्री के रूप में मुस्लिम समुदाय को हिस्सेदारी तो दी लेकिन कुछ दिन बाद राज्यमंत्रियों ने कामकाज न मिलने की शिकायत शुरू कर दी। इस बीच सरकार ने 20 मुस्लिम नेताओं को राज्यमंत्री का दर्जा दे दिया। जनाधार के स्थान पर पुराने एहसानों पर आधारित इस फैसले से इन मंत्रियों की दिक्कत बढ़ गई क्योंकि उनके कई विरोधी लालबत्ती पा गए थे। नतीजतन इन राज्यमंत्रियों ने पार्टी का दायरा बढ़ाने के बदले खुद को अपने विधानसभा क्षेत्र में ही समेट लिया।

    पश्चिम उत्तर प्रदेश में मुसलमानों का भरोसा जब सपा से दरकने लगा है, तब यह मंत्री किसी काम नहीं आ रहे हैं। मुसलमान मंत्रियों में ज्यादातर का प्रभाव क्षेत्रीय है और ऊपर से उलमा व मंत्रियों के बीच विवाद सरकार का सरदर्द है। कद्दावर मंत्री आजम खां के खिलाफ दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री रहे मौलाना तौकीर रजा और आबिद खान सीधे हमला बोल रहे हैं। अल्पसंख्यक आयोग व फखरुद्दीन अली अहमद कमेटी का गठन नहीं होने का इल्जाम आजम पर मढ़ा जा रहा है, क्योंकि वही अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री हैं।

    सपा की दुश्वारी यहीं खत्म नहीं हुई है। दारुल उलूम वक्फ के उस्ताद मुफ्ती आरिफ कासमी, तंजीम ऑल इंडिया मुफ्तियान के अध्यक्ष मुफ्ती अहसान कासमी व मदरसा जामियातुल अनवरिया के मोहतमिम मौलाना नसीम अख्तर शाह कैसर ने जिस तरह से यह फतवा दिया है कि मुसलमानों को आप की टोपी लगाने में कोई हर्ज नहीं है, उससे यह संदेश भी गया है कि डेढ़ वर्ष की उम्र वाली आम आदमी पार्टी (आप) ने मुस्लिमों के बीच पैठ बनान की कोशिश में जुटी है। वह इसमें जितना भी कामयाब होगी, समाजवादी पार्टी की दुश्वारियों में ही इजाफा करेगी।

    मुस्लिम मंत्रियों की संख्या

    -कैबिनेट मंत्री : तीन (एक सरकार गठन के बाद से बीमार)

    -राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार : शून्य

    -राज्यमंत्री : सात

    -राजयमंत्री का दर्जा प्राप्त : 20

    लोकसभा चुनाव के लिए सपा के मुस्लिम प्रत्याशी :

    नाहिद हसन (कैराना), एसटी हसन (मुरादाबाद), शाहिद मंजूर (मेरठ), हुमैरा अख्तर (अमरोहा), अतीक अहमद (सुलतानपुर), आशया इस्लाम (बरेली),जावेद अली खां (बिजनौर), जफर आलम (अलीगढ़), इमरान मसूद (सहारनपुर), हाजी गुलाम मोहम्मद (बागपत) और मोहम्मद मसूद (श्रावस्ती)।

    -2009 में समाजवादी पार्टी से एक भी मुसलमान सांसद निर्वाचित नहीं हुआ।

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