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    पाक अफगान के बीच डूरंड लाइन 100 वर्षों से रही है संघर्ष की वजह

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Tue, 09 May 2017 05:02 PM (IST)

    पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान के बीच सीमा विवाद सौ वर्षों से भी अधिक पुराना है। दोनों देशों के बीच मौजूद डूरंड लाइन पर कई बार संघर्ष की नौबत आई है।

    पाक अफगान के बीच डूरंड लाइन 100 वर्षों से रही है संघर्ष की वजह

    नई दिल्‍ली (स्‍पेशल डेस्‍क)। पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान की सीमा पर बीच बीते कुछ दिनों से लगातार घमासान मचा हुआ है। इस तनाव की वजह दोनों तरफ से हो रही फायरिंग और स्‍थानीय लोगों की मौत है। हाल ही में पाकिस्‍तान के बलूचिस्‍तान प्रांत में अफगानिस्‍तान की कार्रवाई का जवाब देते हुए पाकिस्‍तान ने दावा किया है कि उसने पचास अफगान जवानों को मार गिराया है। यह सब कुछ बलूचिस्तान प्रांत के सीमावर्ती शहर चमन में हुआ है जिसके बाद अफगानिस्‍तान से लगते इस बॉर्डर को फिलहाल बंद कर दिया गया है।

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    खाली करने पड़े हैं घर

    हमले के बाद कली लुकमान, कली जहांगीर और बादशाह अड्डा काहोल आदि इलाकों के बाशिंदों को अपने घर खाली करने पड़े थे। क्वेटा और बलूचिस्तान के अन्य हिस्सों को सुरक्षा बलों की कड़ी निगरानी में रखा गया है। पाकिस्तान की सीमा पार कार्रवाई के दौरान चार से पांच चेकपोस्ट भी पूरी तरह ध्वस्त हुई हैं। अफगानिस्‍तान के साथ पाकिस्‍तान का यह तनाव नया नहीं है।

    पाक अफगान सीमा विवाद

    हाल में अफगान-पाकिस्तान सीमा पर सेनाओं के बीच बढ़ता तनाव 100 साल से भी ज़्यादा पुराने क्षेत्रीय विवाद का हिस्सा है। 1893 में अफगान राजा और ब्रिटिश शासित भारत के विदेश मंत्री सर मोर्टिमर डूरंड के बीच हुए समझौते के बाद अफगानिस्‍तान का कुछ हिस्सा ब्रिटिश इंडिया को दे दिया गया था। 1947 में पाकिस्तान के जन्म के बाद कुछ अफगान शासकों ने डूरंड समझौते की वैधता पर ही सवाल उठाए। क्षेत्रीय दावों ने दोनों देशों के बीच दुश्मनी के बीज बो दिए थे जिसके बाद से दोनों देशों के बीच हालात सामान्‍य नहीं हो सके हैं।

    पहले भी कई बार बंद हुआ है बॉर्डर

    पाकिस्तान के सिंध प्रांत में लाल शाहबाज कलंदर दरगाह पर हुए हमले के बाद भी प्रशासन ने अफगानिस्तान के साथ लगती तुर्खम सीमा सील कर दी थी। आईएस द्वारा किए गए इस हमले में 72 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले के बाद अफगानिस्‍तान से लगती पाकिस्‍तान की सीमा को सभी प्रकार की व्यापारिक और वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए बंद कर दिया था।

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    पिछले वर्ष से बढ़ गया है तनाव

    पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान के बीच पिछले वर्ष से ही तनाव काफी बढ़ा हुआ है। पिछले वर्ष पाकिस्‍तान ने नए वीजा नियमों का हवाला देते हुए पाकिस्‍तान अफगानिस्‍तान सीमा पर गेट लगाने की बात कही थी, जिसका अफगानिस्‍तान ने कड़ा विरोध किया था। यह नियम पाकिस्‍तानी सीमा में अमेरिकी ड्रोन द्वारा किए गए हमले में तालिबान नेता मुल्‍ला मंसूर की मौत के बाद बदले गए थे। इससे पहले तोरखम सीमा पर दोनों और से हुई गोलीबारी के बाद पाकिस्‍तान ने तोरखम सीमा पर काफी  संख्‍या में सेना के जवानों की तैनाती की थी।

    भारत की वजह से पाक की आंखों में खटक रहा अफगान

    अफगानिस्‍तान को लेकर पाकिस्‍तान इसलिए भी खफा है क्‍योंकि उसके भारत के साथ करीबी संबंध रहे हैं। भारत ने अफगानिस्तान में अरबों डॉलर की विकास परियोजनाएं शुरू करने के साथ साथ सैन्य सहयोग को भी बढ़ाया है। इसके अलावा भारत ने अफगानिस्तान को चार एमआई 25 हेलिकॉप्टर भी दिए हैं और हर भारत सैकड़ों अफगान सैनिकों और पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग भी दे रहा है।

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    अमेरिका की चेतावनी

    पाकिस्‍तान और अफगानिस्‍तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए अमेरिका ने चेतावनी दी है कि इस तनाव का फायदा आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट को हो रहा है। अमेरिका का यहां तक कहना है कि इन सभी के बीच आईएस इस क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत बना रहा है। यहां पर यह संगठन को इस्लामिक स्टेट खुरासान (आईएसके) नाम जाना जाता है।

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