Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लालू प्रसाद यादव पर चला SC का हथौड़ा, जानें क्‍या है चारा घोटाला

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Mon, 08 May 2017 03:09 PM (IST)

    चारा घोटाले ने बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद यादव को ग्रहण लगा दिया था। 950 करोड़ रुपये के इस घोटाले ने फिर लालू की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

    लालू प्रसाद यादव पर चला SC का हथौड़ा, जानें क्‍या है चारा घोटाला

    नई दिल्‍ली (स्‍पेशल डेस्‍क)। चारा घोटाला एक बार फिर से बिहार की राजनीति में फन फैलाए खड़ा है। इसकी वजह सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का वह आदेश है जिसमें कोर्ट ने सीबीआई की उस दलील को माना है जिसमें निचली अदालत द्वारा कुछ धाराओं को हटाने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कर दिया है कि लालू यादव पर पूर्व में लगी सभी धाराओं पर अलग-अलग मुकदमा चलाया जाएगा। इसके बाद उनका जेल जाना भी तय माना जा रहा है। कोर्ट के इस आदेश के बाद बिहार की राजनीति का पारा चढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लालू की राजनीति पर लगा ग्रहण

    वर्ष 1996 में सामने आए इस घोटाले की बदौलत ही लालू या‍दव का बिहार की राजनीति में कद कम हुआ था और उन्‍हें अपने सीएम पद को छोड़ना पड़ा था। उन्‍होंने इस पद से इस्‍तीफा देने के बाद अपनी पत्‍नी राबड़ी देवी को कुर्सी पर बिठाया था। इस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने उन्‍हें दोषी करार देते हुए 3 अक्टूबर 2013  को पांच साल के कारावास की सजा सुनाई, साथ ही उन पर 25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था। दिसंबर 2013 में उन्‍हें कोर्ट से जमानत भी मिल गई थी जिसके बाद उन्‍हें  रांची की बिरसा मुंडा जेल से रिहा कर दिया गया।

    संसद से अयोग्‍य ठहराए जाने वाले पहले राजनेता

    सजा पाने के बाद संसद से अयोग्‍य ठहराए जाने वाले वह देश के पहले राजनेता भी हैं। इतना ही नहीं इस घोटाले की बदौलत ही उनके करीब 11 वर्षों तक किसी भी तरह के चुनाव में शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। कोर्ट ने इस मामले में जदयू नेता जगदीश शर्मा को भी दोषी ठहराया था। चारा घोटाले ने बिहार की राजनीति में भूचाल लाकर रख दिया था और राज्‍य की अर्थव्‍यवस्‍था को भी बेपटरी कर दिया था।

    पशुओं के चारे के नाम पर हुई थी 950 करोड़ रुपये की निकासी

    बिहार पुलिस ने 1994 में राज्य के गुमला, रांची, पटना, डोरंडा और लोहरदगा जैसे कई कोषागारों से फर्ज़ी बिलों के ज़रिये करोड़ों रुपये की कथित अवैध निकासी के मामले दर्ज किये। रातों-रात सरकारी कोषागार और पशुपालन विभाग के कई कर्मचारी गिरफ्तार किए गए थे। इसके अलावा कई ठेकेदारों और सप्लायरों को हिरासत में लिया गया और पूरे राज्य में दर्जन भर आपराधिक मुकदमे दर्ज किए गए थे। लेकिन 1996 में इस घोटाले का पूरा खुलासा हुआ और इसमें बिहार की राजनीति के बड़े बड़े दिग्‍गज लपेटे में आ गए। यह बिहार में सबसे बड़ा घोटाला था जिसमें पशुओं को खिलाये जाने वाले चारे के नाम पर 950 करोड़ रुपये की निकासी सरकारी खजाने से फर्जीवाड़ा करके की गई थी। 

    यह भी पढ़ें: फ्रांस के युवा राष्‍ट्रपति मैक्रॉन के होंगे ये विशेषाधिकार, होंगे सबसे ताकतवर

    यह भी पढ़ें: अपने ही बने 'आप' के लिए 'विभीषण', पार्टी साख पर लगाया बट्टा

    यह भी पढ़ें: जागरण स्‍पेशल की सभी खबरों को पढ़ने के लिए क्लिक करें

    comedy show banner
    comedy show banner