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    मोदी की अमेरिका यात्रा पर कारोबार पांच गुणा करने का बनेगा रोडमैप

    By Sanjeev TiwariEdited By:
    Updated: Mon, 30 May 2016 07:56 PM (IST)

    पीएम मोदी और राष्ट्रपति ओबामा के बीच वर्ष 2014 में द्विपक्षीय कारोबार को पांच गुणा बढ़ाने का जो लक्ष्य था उसे किस तरह से हासिल किया जाएगा।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी की अगले हफ्ते होने वाली अमेरिका यात्रा दोनों देशों के कारोबारी रिश्ते के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण साबित होंगे। खास तौर पर पीएम मोदी और राष्ट्रपति ओबामा के बीच वर्ष 2014 में द्विपक्षीय कारोबार को पांच गुणा बढ़ाने का जो लक्ष्य था उसे किस तरह से हासिल किया जाएगा इसके एक रोडमैप पर दोनों देशों के बीच सहमति बन सकती है। इसके तहत दोनों देश आपसी व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सरकार के स्तर पर उठाये जाने वाले कदमों को रेखांकित करेंगे। हालांकि यह भी तय है कि ओबामा प्रशासन की तरफ से भारत पर सीमा शुल्क घटाने के लिए नया दबाव बनाने के भी पूरे आसार हैं।

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    सूत्रों के मुताबिक मोदी और ओबामा ने पिछले दो वर्षों के दौरान आपसी मुलाकातों में द्विपक्षीय कारोबार को बढ़ावा देने के लिए जो घोषणाएं की हैं उन्हें आगे बढ़ाने के लिए जमीनी तौर पर अभी बहुत कम काम हुआ। इस लिहाज से जून, 2016 में दोनों के बीच होने वाली बैठक काफी अहम होगी कि उन घोषणाओं को अमल में लाने का रास्ता तैयार हो। मसलन, ओबामा ने भारत में निवेश बढ़ाने के लिए चार अरब डॉलर के फंड की स्थापना का ऐलान किया था। अब यह तय होगा कि इस फंड का इस्तेमाल किस तरह से किया जाना है। इसी तरह से अमेरिका के एक्जिम बैंक ने 'मेड इन अमेरिका' वस्तुओं के भारत को निर्यात करने को लेकर खास ऐलान किया था। इसे किस तरह से अमल में लाया जाए, इसको लेकर दोनों पक्षों के बीच सहमति बनेगी।

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    सूत्रों के मुताबिक दो वर्ष बीत जाने के बावजूद 500 अरब डॉलर के लक्ष्य को हासिल करने का कोई रोडमैप नहीं बनने के पीछे सबसे अहम वजह यह है कि दोनों देशो के बीच सीमा शुल्क को लेकर काफी ज्यादा मतभेद हैं। ओबामा प्रशासन के अधिकारियों ने कई बार सार्वजनिक तौर पर यह बात उठाई है कि भारत की तरफ से अमेरिका से आने वाले उत्पादों पर लगाई जाने वाली सेवा शुल्क की दर अमेरिका की तरफ से भारतीय उत्पादों पर लगाने जाने वाले दर से छह गुणा ज्यादा है। अमेरिका से आयातित सामान पर भारतीय सीमा पर औसतन 13 फीसद का सीमा शुल्क लगाया जाता है। अमेरिका में इसमें भारी कटौती चाहता है। देखना है कि ओबामा और मोदी जब इस बार द्विपक्षीय वार्ता के लिए बैठेंगे तो इस मुद्दे का क्या समाधान निकालते हैं।

    भारत और अमेरिका के बीच मौजूदा द्विपक्षीय कारोबार लगभग 110 अरब डॉलर सालाना है। माना जा रहा है कि इसमें 400 अरब डॉलर सालाना की बढ़ोतरी करने के लिए पारंपरिक और गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्त्रोत, रक्षा, फार्मास्यूटिकल्स, कृषि और उच्च तकनीकी क्षेत्र में आपसी कारोबार को बढ़ाना होगा।

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