इस परियोजना के उद्धाटन के लिए मोदी का ब्रेसबी से इंतजार कर रहा है काबुल
भारत की मदद से अफगानिस्तान द्वारा तैयार किए गए सलमा डैम के उद्धाटन के लिए अब अफगानिस्तान पीएम मोदी का इंतजार कर रहा है।
नई दिल्ली। जून का महीना प्रधानमंत्री की यात्राओं के संदर्भ में बहुत व्यस्त रहने वाला है। अंग्रेजी अखबार इकनॉमिक टाइम्स के अनुसार, जून में पीएम मोदी न केवल कतर और अमेरिका का दौरा करेंगे बल्कि दोहा जाते समय वो अफगानिस्तान के उत्तर पश्चिम स्थित हेरात में भी रूक सकते हैं जहां उन्हें भारत की सहायता से बने सलमा डैम का उद्धाटन करना है।
पढ़ें- चाबहार समझौते से पाक बेचैन, अफगानिस्तान को लेकर ज्यादा चिंतित
6 महीनों के अंदर प्रधानमंत्री की यह दूसरी अफगानिस्तान यात्रा होगी। तालिबान के बढ़ते हमलों के बीच इस यात्रा को अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी की स्थिति को मजबूत बनाने के रूप में देखा जा रहा है। पिछले साल दिसंबर में पीएम मोदी ने अफगानिस्तान का दौरा किया था और वहां संसद की नई ईमारत का उद्धाटन किया था जिसका निर्माण भारत की सहायता से किया गया था।
ईरान के साथ चाबहार बंदरगाह को लेकर हुए समझौते के बाद सलमा डैम का उद्धाटन का उद्धाटन करना अफगानिस्तान में भारत की मजबूती को दर्शाता है। अफगानिस्तान में तालिबान आईएसआई द्वारा समर्थित आतंकी गुट लगातार भारतीय परियोजनाओं को निशाना बना रहे हैं। ईरान में चाबहार और अफगानिस्तान में सलमा डैम के लिए तब से कार्य चल रहा है जब केंद्र में अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार थी। चाबहार के जरिये भारत के लिए अफगानिस्तान, मध्य एशिया और रूस तक की पहुंच आसान हो जाएगी। हालांकि अभी, सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए अभी मोदी की अफगानिस्तान यात्रा की आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है।
पढ़ें- अफगानिस्तान में दिखने लगी भारतीय कूटनीति की हनक
जानिए, क्या है सलमा डैम परियोजना:
- सलमा डैम, पनबिजली और सिंचाई परियोजना वाला डैम है जिसे अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में चिश्ती शरीफ जिले में बनाया गया है।
- मूल रूप से इस डैम को 1976 में हरी नदी के तट पर बनाया गया था लेकिन अफगान सिविल वॉर के दौरान यह क्षतिग्रस्त हो गया था।
- 1988 में इसे दुबारा वैपकोस लिमिटेड द्वारा बनाया गया लेकिन सिविल वॉर के कारण यह परियोजना को आधे में से ही छोड़ना पड़ा था और जो फिर पूरा नहीं हो पाया।
- अटल बिहारी बाजपेयी के शासन काल के दौरान तथा तालिबान के पतन के बाद भारत ने इसे पूरा करने पर जोर दिया।
- 2006 में भारत ने इस परियोजना को पूरा करने के लिए 275 मिलियन अमेरिकी डॉलर देने का वादा किया।
- जनवरी 2013 में भारतीय कैबिनेट ने इस परियोजना के लिए 1457 करोड़ रुपये की संशोधित लागत को मंजूरी दी और यह घोषणा की गई कि इस परियोजना को दिसंबर 2014 तक पूरा कर लिया जाएगा।
- मार्च 2013 में अफगानिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों ने दावा किया था कि तालिबान सलमा डैम को विस्फोटक धमाकों से उड़ाने की कोशिश कर रहा है।
- दिसंबर 2015 में मोदी सरकार ने सलमा डैम के निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए 1775.69 करोड़ रुपये की संशोधित लागत को मंजूरी दी।