स्कूल में कितना सुरक्षित है आपका बच्चा, कैसे पता लगायें ?
माता-पिता को स्कूल की सुरक्षा को लेकर सजग होना चाहिये। बच्चे को पूरे तरीके से स्कूल के भरोसे छोडऩा ठीक नही है।
जब बच्चा घर में होता है माता-पिता उनकी सुरक्षा और आराम का पूरा ध्यान रखते हैं लेकिन स्कूल जाने के बाद माता-पिता निश्चिंत हो जाते हैं और यही सोचते हैं कि अब उनके बच्चे का ध्यान रखना स्कूल मैनेजमेंट और टीचर की जिम्मेवारी है। आपका ऐसा सोचना ठीक है। लेकिन क्या स्कूल मैनेजमेंट और टीचर भी ऐसा ही सोचते हैं। क्या वो भी स्कूल में आपके बच्चे की सुरक्षा और आराम का ध्यान रखते हैं।
इस बारे में हमारा तो यही कहना है कि माता-पिता को स्कूल की सुरक्षा को लेकर सजग होना चाहिये। बच्चे को पूरे तरीके से स्कूल के भरोसे छोडऩा ठीक नही है। वेबदुनिया के अनुसार आइये हम आपको बताते हैं कि स्कूल में आप अपने बच्चे को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं।
-अपने बच्चे के स्कूल के इमरजेंसी प्लान का पता लगाएं। हर स्कूल का सुरक्षातंत्र होता है। जिसमें सुरक्षा उपाय, सुरक्षित निकास, सुरक्षा की वस्तुएं, विशेषज्ञ और खास नंबर शामिल हैं। इसके लिये आप स्कूल में जाकर संबंधित अधिकारी से मिले और पूरी जानकारी लें और अपने बच्चे को इससे अवगत करायें कि जरूरत पडऩे पर कैसे इन संसाधनों का प्रयोग किया जा सकता है। कई बार ऐसा हो सकता है कि बच्चे को स्वयं ही अपनी सुरक्षा करनी पड़े। उसे इसके लिए तैयार करें।
- आजकल बहुत से स्कूलों में हर हफ्ते मॉकड्रिल करवायी जाती है। इसमें सुरक्षा उपायों का प्रदर्शन किया जाता है। अगर आपके बच्चे के स्कूल में ऐसा नही किया जा रहा है तो इस विषय में संबंधित अधिकारी से अवश्य बात करें, कि वे ऐसी मॉक ड्रिल स्कूल में करें जिससे स्कूल की तैयारी की परीक्षा हो सके। साथ ही बच्चे भी इसके लिए तैयार रहें। इस तरह के प्रयोग हल्के स्तर से शुरू किए जा सकते हैं। जिसमें बच्चों को निकलने का रास्ता, खतरे में अनुशासन बनाए रखने की शिक्षा और मिलजुलकर काम करने की ट्रेनिंग दी जाना बेहद आवश्यक है।
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-बच्चे को अगर स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या है तो उसकी जानकारी उसकी क्लास टीचर को अवश्य दें। किसी प्रकार की एलर्जी, सांस फूलना, घबरा जाना, अंगों में कोई कमी या शर्मीला होने पर भी स्कूल में पहले से बताएं। उसके शिक्षकों से इस बारे में बात करें और इस पर स्थिति सुधारने की चर्चा भी करें।
- बच्चों की बस के रूट की जानकारी रखें। अगर आपका बच्चा स्कूल बस या अन्य किसी माध्यम से जाता है तो इसके बारे में चौंकन्ने रहे। अपने बच्चे से लगातार बस या अन्य वाहन में होने पर माहौल के बारे में पूछते रहे। बस के ड्राइवर, कंडक्टर से मिलें और उन्हें बच्चे को सुरक्षित बस में चढ़ाने और उतारने की जिम्मेदारी सौंपे। उनका मोबाइल नंबर जरूर लें। उन्हें अपना नंबर जरूर दें। अगर किसी दिन बस पर ड्राइवर या कंडक्टर या दोनों ही अनजान हों तो स्कूल में इसकी सूचना दें। अपने बच्चे को भी समझा दें कि ऐसे में आपको तुरंत बताएं।
-बच्चे को स्कूल से घर का रास्ता कई बार दिखाएं। अगर बच्चा थोड़ा बड़ा और समझदार है तो उसे घर तक पहुंचना जरूर समझाएं। ऐसी जरूरत में बच्चे को क्या सलाह देनी है यह आप बेहतर जानते हैं। बच्चे की डायरी में सभी जरूरी नंबर जैसे पुलिस, अस्पताल, माता-पिता, भरोसेमंद पहचान वाले, स्कूल के शिक्षक और पड़ोसियों का नंबर जरूर लिख दें और बच्चे को इस बारे में अवश्य बताये।
इन उपायों से आप अपने बच्चे में जागरुकता पैदा कर सकते हैं ताकि विषम परिस्थतियों का वह धैर्यपूर्वक मुकाबला कर सके।