अनुराग ठाकुर को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से मिली क्लीन चिट
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर व एचपीसीए को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम बनाने के एक मामले को रद कर दिया है।
शिमला (जेएनएन) : हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर व एचपीसीए को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम बनाने के लिए शिक्षा विभाग की जमीन
पर अवैध कब्जा कर अतिक्रमण करने के आरोप में दर्ज प्राथमिकी को रदद कर दिया है।
यह प्राथमिकी 8 अप्रैल 2014 को धर्मशाला में दर्ज की गई थी।
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न्यायाधीश राजीव शर्मा ने इस प्राथमिकी के आधार पर धर्मशाला कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ लगाए गए चार्ज तथा लंबित आपराधिक मामले को भी खारिज कर दिया। न्यायाधीश राजीव
शर्मा ने एचपीसीए व अनुराग ठाकुर द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करते हुए कहा
कि प्राथमिकी और चालान में कहीं भी यह प्रतीत नहीं होता कि कोई अपराध भारतीय
दंड संहिता की धारा 441 के तहत किया गया है।
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अनुराग ठाकुर व एचपीसीए ने एक याचिका दायर कर अपने खिलाफ लगाए गए अवैध अतिक्रमण के आरोपों के
तहत दर्ज आपराधिक मामले को ख़ारिज करने की गुहार लगाई थी। याचिका में कहा गया
था कि प्रदेश सरकार ने राजनैतिक द्वेष के चलते एचपीसीए पर तरह तरह के मामले
दर्ज किए हैं। कांग्रेस चार्जशीट के दबाव में आकर एचपीसीए पर 1941 वर्ग मीटर
भूमि पर अवैध कब्जा किए जाने का झूठा मामला बनाया गया है। प्रार्थियों के
अनुसार सरकार ने एचपीसीए को 49118 वर्ग मीटर भूमि लीज पर दी है और उनका कब्जा
केवल 45959 वर्ग मीटर पर ही है। यदि एचपीसीए के कब्जे को देखा जाए तो उनके
पास अभी भी 3158 वर्गमीटर भूमि आबंटित भूमि से कम है। प्रार्थियों का कहना था
कि जिन खसरा नंबरों पर अवैध कब्जे की बात कही जा रही है वो किसी गलती से लीज
दस्तावेज में अंकित नहीं हुए। यह गलती भी सरकार की ओर से ही हुई है। यह मामला
अवैध कब्ज़े का नहीं बल्कि गलती का मामला है जिसे राजस्व रिकॉर्ड को दुरुस्त कर
सुधारा जा सकता है।
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