हिमाचल विस: दूसरे दिन तपा रहा सदन, कई मुद्दों पर पक्ष-विपक्ष में नोंकझोंक
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच कई मुददों पर नोंकझोंक हुई। इस दौरान भाजपा ने वॉकआउट भी किया।
जेएनएन, शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन सत्ता पक्ष व विपक्ष के बीच कई मुददों पर नोंकझोंक हुई। इस दौरान भाजपा ने वॉकआउट भी किया। सदन की कार्यवाही आज 11 बजे शुरू हुई तथा एक बजे तक चली। इसके बाद सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई। आज प्रश्नकाल शुरू होते ही सता पक्ष व विपक्ष के बीच नोंकझोंक शुरू हो गई। सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई। इसके बाद प्रश्नकाल शुरू हुआ। प्रश्नकाल शुरू होते ही ग्रामीण विकास विभाग में बजट खर्च न होने का मामला गर्मा गया। इस बीच मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और नेता प्रतिपक्ष प्रेमकुमार धूमल के बीच नोंकझोंक शुरू हो गई। नेता प्रतिपक्ष प्रेमकुमार धूमल ने कहा कि खुला शौचमुक्त होने के बावजूद प्रदेश में शौचालय नहीं बन पाएं हैं। झूठा दावा करके पुरस्कार हासिल किया गया है।
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इसके अलावा सिंचाई योजनाओं की DPR को लेकर भी सदन में हुई गहमागहमी हुई। प्रदेश सरकार ने सदन में कहा कि केंद्र सरकार ने DPR को मंजूरी नहीं दी है। जबकि भाजपा ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार ने केंद्र को डीपीआर की जानकारी अधूरी भेजी है। प्रश्नकाल के दौरान प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में सदन को गुमराह
करने के आरोपों को लेकर भाजपा विधायक नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए। भाजपा विधायकों के सदन से नारेबाजी कर बाहर चले जाने पर कौल सिंह ने चेतावनी दी कि सारे दस्तावेज सामने हैं और यदि तथ्यहिन हैं तो मेरे खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव ला सकते हैं।
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वीरवार को सदन की शुरुआत प्रश्नकाल के साथ हुई जिसमें कई बार सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी नोंकझोंक हुई। रविंद्र रवि और महेश्वर सिंह के मूल प्रश्न को लेकर सभी भाजपा विधायक सप्लमेंटरी प्रश्न करना चाह रहे थे। सदन में गहमागहमी के बीच विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया तथा प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कुछ देर बाद विपक्ष सदन में लौट आया।
इसके बाद नियम-62 के तहत ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई है। इस बीच विधायक रणधीर शर्मा ने पूछा है कि प्रश्न-2014 से मेरे एक सवाल का उत्तर नहीं दे रही सरकार। विधायक रणधीर शर्मा ने सवाल उठाया कि प्रश्नकाल का क्या औचित्य है। प्वाइंट ऑफ आर्डर के तहत रणधीर शर्मा ने सवाल उठाते हुए कहा कि अढ़ाई साल पहले दिसंबर 2014 को उन्होंने सवाल पूछा था कि प्रदेश के सीएम, मंत्री, निगम बोर्डों के अध्यक्ष व उपाध्यक्षों ने कितनी बार दिल्ली का दौरा किया और इन दौरों का क्या औचित्य था। लेकिन मौजूदा सरकार का अंतिम बजट भी होने जा रहा है, लेकिन उनके सवाल का जबाव अभी तक नहीं मिला है। हर बार उन्हें यह जबाव दिया जाता है कि सूचना एकत्रित की जा रही है। विस अध्यक्ष बृज बिहारी लाल बुटेल ने कहा कि वह इस बारे सरकार से जानकारी लेंगे। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सदन को बताया कि इस सवाल का जबाव इस सत्र के अंत तक आ जाएगा। हिमाचल विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन हिमाचल विनियोग विधेयक 2017 सदन में पारित हुआ तथा अनुपूरक बजट 2017 भी सदन में पारित किया गया।
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