गुस्साए सीएम बोले, केवल मौत ही रोक सकती है बैठक में आने से
बेरोजगारी भत्ते पर संगठन और सरकार के दरमियान चली रार के बीच शुरू हुए बजट सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के तेवर संगठन को लेकर तल्ख रहे।
जेएनएन, शिमला: बेरोजगारी भत्ते पर संगठन और सरकार के दरमियान चली रार के बीच शुरू हुए बजट सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के तेवर संगठन को लेकर तल्ख रहे। विधायक दल की बैठक में न आने वाले नेता उनके निशाने पर रहे। विधानसभा में लगातार हलचल के बीच हड़कंप की स्थिति बनी रही। पता चला कि बैठक से गायब रहने वाले नेताओं से स्पष्टीकरण मांगा गया है। देर तक दिल्ली के आला नेताओं से भी इसी विषय पर संपर्क साधा जाता रहा।
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इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने उन मंत्रियों, सीपीएस व विधायकों के रवैये पर हैरानी जताई, जिन्होंने कांग्रेस विधायक दल की बैठक में पहुंचना गवारा नहीं किया। मंगलवार को ओकओवर में हुई बैठक में सिर्फ 24 सदस्यों के होने पर मुख्यमंत्री नाखुश थे। उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति मरने की स्थिति में ही विधायक दल की बैठक से दूर रह सकता है लेकिन यहां पर किसी के सामने ऐसे हालात नहीं हैं। सत्तारूढ़ कांग्रेस के 36 विधायक हैं और चार निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है लेकिन विधायक दल की बैठक में कई नेता नहीं पहुंचे।
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उन्होंने यहां तक कहा कि यह अनुशासनहीनता का मामला है। कई नेताओं की गैरमौजूदगी को मुख्यमंत्री ने नजरअंदाज किया। विस में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कांग्रेस विधायक संजय रतन व परिवहन मंत्री जीएस बाली को हाथ पकड़कर मिलवाया। सब जानते हैं कि दोनों नेता तेजतर्रार हैं।
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