प्रेमिका को लेकर भागा तो युवक के साथ परिजन दो दिनों तक करते रहे कुकर्म
एक दलित युवक को दबंग जाति की लड़की से प्यार करना बहुत भारी पड़ा। लड़की के साथ भागे इस युवक काे युवती के परिजनों ने बंधक बना लिया और दो दिनों तक उससे कुकर्म करते रहे।
जेएनएन, कलानौर (रोहतक)। एक दलित युवक को दबंग जाति की लड़की से प्यार करना भारी पड़ गया। दोनों का प्यार काफी समय से चल रहा था। प्रेमी युगल को जब अपना प्यार परवान चढ़ता नजर नहीं आया तो वे घर से भाग गए। इसके बाद लड़की के परिजनों ने दोनों को दिल्ली में पकड़ लिया और फिर गांव ले आए। इसके बाद लड़की के परिजनों ने युवक को बंधक बना लिया और उससे दाे दिनों तक कुकर्म करते रहे। बाद में दलित संगठनों ने उसे छुड़ाया। युवक को पुलिस को सौंप दिया। उसे अदालत में पेश कर जेल भेज दिया गया है।
जानकारी के अनुसार, सोनीपत के गांव जाटी के निवासी एक दलित युवक का रोहतक के कलानौर की एक युवती से प्रेस प्रसंग चल रहा था। दाेनों काे जब ऐसा लगा कि उनकी शादी के लिए लड़की के परिजन राजी नहीं हाेंगे तो वे घर से भाग गए। परिजनों ने दोनों की तलाश की, लेकिन वे नहीं मिले तो उन्हाेंने कलानौर थाने में युवक के खिलाफ लड़की को बहला-फुसला कर भगा ले जाने के आरोप में मामला दर्ज कराया।
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पुलिस ने इसके बाद दोनों की तलाश शुरू कर दी। पुलिस ने लड़के के मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लगा दिया और उसके माेबाइल की लोकेशन लेेन लगी। लड़की के परिवार वाले भी दोनाे की लगातार तलाश कर रहे थे। पुलिस से उनकाे लड़के के दिल्ली रेलवे स्टेशन के आसपास होने की जानकारी मिली।
इसके बाद परिजन दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचे आैर दोेनों की तलाश करने लगे। इसी दौरान युवक अौर युवती उनकाे रायपुर एक्सप्रेस ट्रेन में मिल गए। दोनों छतीसगढ़ जाने की तैयारी में थे। इसके बाद लड़की के परिजन दोनों को लेकर कलानौर आ गए।
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आरोप है कि इसके बाद लड़के को एक खेत में बने कोठरी में दो दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया। इस दौरान उसके साथ जमकर मारपीट की गई और कई लोग उससे कुकर्म करते रहे। इस बारे में रोहतक के एक दलित संगठन डॉ. अंबेडकर मिशनरीज के सदस्यों को पता चला तो उन्होंने ल़डके को उनके चंगुल से छुड़ाया और उसे कलानौर थाना पुलिस के हवाले कर दिया।
डॉ. अंबेडकर मिशनरीज संगठन के अध्यक्ष विक्रम डुमोलिया ने आरोप लगाया है कि यह मामला पुलिस की जानकारी में था। लड़की उच्च जाति की है और लड़का दलित समाज से ताल्लुक रखता है। इस कारण पुलिस युवक पर हो रहे अत्याचार की जानकारी के बावजूद कोई कदम नहीं उठाया। पुलिस ने युवक को अदालत में पेश किया और इसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
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'' लड़की के परिवार वालों ने लड़के को दिल्ली रेलवे स्टेशन से बरामद किया था। उन्होंने उसके साथ मारपीट नहीं की, बल्कि हमें सौंप दिया है। इसके बाद लड़के को हमने अदालत में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
- जगबीर सिंह, एसएचओ, कलानौर।
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